देहरादून: आपकी दृष्टि में, जीरो बजट की कौन सी कल्याणकारी जन योजनाएं चलाई जा सकती है? चकबंदी को कैसे प्रोत्साहित किया जाय? किसान की मदद के लिये आपका क्या विजन है? स्कूली शिक्षा का स्तर कैसे सुधारा जाय? पहाड़ो में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिये क्या कदम जरूरी है? मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष का आम जनता के हित में अच्छे से अच्छा उपयोग कैसे होना चाहिए? स्वास्थ्य सेवाओं को कैसे मजबूत किया जाय? यह प्रश्न मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य के सभी आई0ए0एस0 अधिकारियों से पूछे। मौका था सचिवालय में आयोजित आई0ए0एस0 वीक के शुभारम्भ सत्र का जहां मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया गया था। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने राज्य के मुख्य सचिव से लेकर प्रोबेशनर आई0ए0एस0 अधिकारी तक से सीधे वार्ता की। उन्होंने अपने विजन को, सरकार की प्राथमिकताओं को साझा किया।
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और लिये गये निर्णयों पर आई0ए0एस0 अधिकारियों को खुलकर फीडबैक देने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होने नदियों के पुनर्जीवीकरण के राज्य सरकार के संकल्प पर आई0ए0एस0 अधिकारियों के विचारों को जाना। उन्होंने हाल ही में आई0ए0एस0 अफसरों के स्कूल भ्रमण पर भी विस्तार से चर्चा करते हुए उनका फीडबैक लिया।
गौरतलब है कि इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी की उपस्थिति मात्र 45 मिनट ही निर्धारित थी, परन्तु उन्होंने राज्य के विकास और भावी विजन पर आई0ए0एस0 अफसरों से चर्चा हेतु तीन घण्टे से भी अधिक समय व्यतीत किया।
उन्होंने आई0ए0एस0 अधिकारियों को टीम उत्तराखण्ड का महत्वपूर्ण भाग बताते हुए उनको सम्बोधित किया। उन्होंने राज्य के सभी आईएएस अधिकारियों से कहा कि अधिकारी ही सरकार का चेहरा है। सरकार की स्वच्छ व भ्रष्ट्राचार मुक्त छवि बनाने में अधिकारियों का महत्वपूर्ण भूमिका है। सरकार और अधिकारी एक टीम है। उचित तालमेल द्वारा राज्य का विकास करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। आज सरकार की छवि बेहतर परफोर्म करने की है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि अधिकारियों से अपेक्षा है कि वे प्रशासनिक क्षेत्र में नए प्रयोग करते रहे। सिर्फ कार्य करने की प्रेरणा स्वच्छ व सर्वहित की होनी चाहिए, सरकार जनहित हेतु अधिकारियों को पूरी तरह से सहयोग करेगी। सरकार प्रशासनिक निर्णयों व कार्यों में बार-बार अनावश्यक हस्तक्षेप नही करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नौजवान अधिकारियों से राज्य को और भी अधिक उम्मीदे है। नई पीढ़ी के नौजवान अधिकारियों में जोखिम उठाने की क्षमता अधिक है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सभी अधिकारियों के अपनी बेस्ट पै्रक्टिसेज को साझा करना चाहिये। प्रशासनिक अनुभवों को साझा करने से क्षमता विकास व राज्य विकास को गति मिलेगी। सरकार राज्य व सामान्य व्यक्ति के हित में कार्य कर रही है इसका संदेश अधिकारी ही दे सकते है। सकारात्मक सोच के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में आईएएस अधिकारियों का स्कूली छात्रों के साथ संवाद कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को प्रेरणा देना तथा उनकी समस्याओं को जानना था। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि अधिकारियों को जनता से अधिक से अधिक निरन्तर संवाद बनाना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सरकार का उद्देश्य 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करना और सभी बेघरों को आवास उपलब्ध करवाना है। आवास उपलब्ध करवानें हेतु पात्र व्यक्तियों तथा भूमि का चिन्हीकरण कर दिया गया है। मातृ-शिशु दर में सुधार करना है। पौड़ी, पिथौरागढ़ तथा अल्मोड़ा जैसे कुछ जिलों में लिंगानुपात में भी सुधार की भी आवश्यकता है। सभी गांवों को सड़कों से जोड़ना है। 5 लाख युवाओं को स्किल डेवलपमेंट की टेªनिंग देनी है। 2019 तक प्रत्येक घर में बिजली पहुंचानी है। 2019 तक ही साक्षरता दर को 100 प्रतिशत करना है। उक्त सभी उद्देश्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त करना सबका सामूहिक उत्तरदायित्व है।
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव वित्त श्रीमती राधा रतूड़ी ने राज्य की वित्तीय स्थिति पर प्रस्तुतिकरण किया। सचिव कृषि श्री डी0सेंथिल पाण्डियन ने किसानों की आय दोगुना करने की कार्ययोजना पर विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव डाॅ. रणवीर सिंह, श्री ओम प्रकाश, प्रमुख सचिव श्री आनंदवर्द्धन, श्रीमती मनीषा पंवार सहित सभी वरिष्ठ आई0ए0एस0 अधिकारी उपस्थित थे।