ऋषिकेश: उपराष्ट्रपति श्री एम.वेंकैया नायडू, राज्यपाल डाॅ.कृष्ण कान्त पाल एवं मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में अन्तर्राष्ट्रीय योग शिविर में दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
उपराष्ट्रपति श्री नायडू ने कहा कि उत्तराखण्ड की वायु, जल और मृदा में योग समाहित है। गंगा के तट पर आकर इस महोत्सव का शुभारम्भ करना मेरे लिए गौरव का विषय है। परमार्थ निकेतन का योग महोत्सव अब सार्वभौमिक बन चुका है, यह महोत्सव स्वयं को बदलने का अवसर प्रदान कराता है। योग भारत की ओर से विश्व को समर्पित एक सौगात है। योग का सम्बन्ध मनुष्य की आध्यात्मिक भौतिक और भावनात्मक पृष्ठभूमि से है। योग का सम्बन्ध कनेक्टिविटी, कंसल्टेंट्स, कन्ट्रोल आॅफ माइंड और कन्संट्रेट से है। वर्तमान समय आॅन लाईन का है, जीवन पद्धति आॅन लाईन हो गयी है, किन्तु योग हमें लाईन में रखता है। योग योग्यता प्रदान करता है। योग का हमारी दिनचर्या में होना जरूरी है। योग करने से अनेक रोगों से मुक्ति मिलती है। शारीरिक और आध्यात्मिक शांति का मार्ग योग है। भारत में योग को वैज्ञानिक स्वरूप प्राप्त है और यह दुनिया में व्याप्त व्याधियों को दूर करने का एक मात्र उपाय है।
राज्यपाल डाॅ.कृष्ण कान्त पाल ने कहा कि योेग प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करता है। योग की शिक्षा को जीवन के प्रत्येक पहलू में प्रयोग किए जाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के प्रयासों से योग अब वैश्विक आंदोलन का रूप ले चुका है। योग केवल शारीरिक स्वास्थ्य ही नहीं बल्कि तनाव, अवसाद व नैराश्य जैसी समस्याओं को दूर करने में भी सहायक है। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के प्रयासों से योग अब वैश्विक आंदोलन का रूप ले चुका है और इसे दुनिया भर की मान्यता मिली है। स्वामी विवेकानंद के अनुसार मानव जाति व सभी धर्मों का लक्ष्य, ईश्वर के साथ पुनर्योग होना है। इसे योग द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। राज्यपाल ने कहा कि योग का तात्पर्य है जोड़ना, मिलाना। पतंजली ने अपने अष्टांग योग में यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान व समाधि, की बात कही है। योग हजारों वर्षों से हमारी सभ्यता का अभिन्न अंग रहा है। आज भी दुनियाभर से साधक योग व अध्यात्म के लिए ऋषिकेश आते हैं। ऋषिकेश, योग की वैश्विक राजधानी है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने योग महोत्सव में प्रतिभाग करने वाले 94 देशों के लगभग 1500 योगियों का उत्तराखण्ड आगमन पर स्वागत एवं अभिनन्दन किया। उन्होंने कहा कि योग महोत्सव में विभिन्न देशों से आये योगी उत्तराखण्ड से सुख, शांति एवं संतोष की शिक्षा लेकर जायेंगे। योग की शक्ति के फलस्वरूप ही दुनिया के विभिन्न देशों से लोग योग महोत्सव में एकत्रित हुए हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया को तनाव से मुक्त कराने का सर्वोत्तम माध्यम योग है। योग भारत की ओर से विश्व को दी गई अनमोल निधि है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने योग पर विशेष बल दिया, जिसके परिणामस्वरूप 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। आज भारत योग के माध्यम से विश्व शांति का संदेश दे रहा है और योग से भारत ने स्वस्थ विश्व की परिकल्पना दी है।
केन्द्रीय राज्य पर्यटन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री के.जे. अल्फोंस ने कहा कि योग दुनिया को एक करता है, योग बताता है कि हम सब एक हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं, बच्चों, ग्लोबल वार्मिंग हिंसा और भुखमरी की समस्याओं के लिए मिलकर कार्य करना होगा।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि भक्ति और समर्पण का नाम ही योग है। उन्होंने कहा कि इस पवित्र स्थान पर हमें वाई-फाई नहीं वाई आई (मैं क्यों) की जरूरत है।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचन्द अग्रवाल, वन मंत्री श्री हरक सिंह रावत, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्री धन सिंह रावत, विधायक सुश्री ऋतू खण्डूड़ी, श्री प्रेम बाबा एवं विभिन्न देशों के योगी उपस्थित थे।