वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्विटर पर पाकिस्तान को कपटी और झूठा कहे जाने के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। पहले ट्रंप और उसके बाद यूएन में अमेरिकी की राजदूत निक्की हेले और अब यूएस स्टेट डिपार्टमेंट की प्रवक्ता हीदर नॉर्ट ने पाकिस्ताान पर निशाना साधा है। हीदर ने अपने ताजा बयान में कहा कि पाकिस्तान को पैसा चाहिए तो उसे इस लायक बनना भी होगा। हमने पहले भी पाकिस्तान की मदद की है, अब उसकी बारी है, उसे आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करके दिखानी होगी। हीदर नॉर्ट के इस कड़े बयान से पाकिस्तान बौखला गया है। दोनों देशों के बीच चल रही तनातनी के बीच पहली बार पाकिस्तान आर्मी का रिएक्शन आया। इंटर-सर्विस पब्लिक रिलेशन्स (ISPR) के डीजी मेजर जनरल आसिफ गफूर ने बुधवार रात छोटा, लेकिन सख्त बयान दिया। बता दें कि ISPR पाक आर्मी का मीडिया विंग है। गफूर इसके चीफ हैं। गफूर ने कहा- अगर अमेरिका पाकिस्तान के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करता है तो अवाम की उम्मीदों के मुताबिक ही उसे जवाब दिया जाएगा। हालांकि, गफूर ने मीडिया के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया।
पाकिस्तान का अमेरिका को जवाब, हम इशारों पर नाचने वाले नहीं
अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट की प्रवक्ता हीदर नॉर्ट के बया पर पाकिस्तानी सेना की भी प्रतिक्रिया आई है। पाकिस्तानी सेना ने कहा कि अगर अमेरिका हमारे खिलाफ कार्रवाई करता है तो उसका उचित जवाब दिया जाएगा। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री खुर्रम दस्तगीर ने कहा कि हम अमेरिका के इशारों पर नाचने वाले नहीं हैं।
अमेरिका ने लताड़ा तो भारत पर आरोप लगाने लगा पाकिस्तान
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने अपने बयान में भारत पर भी आरोप लगाया है। खुर्रम ने कहा कि भारत, अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल पाकिस्तान पर हमलों के लिए कर रहा है। अमेरिका ने पाकिस्तान के खिलाफ अपना रवैया इसलिए बदला है, क्योंकि चाइना पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) का भारत विरोध कर रहा है।
अमेरिका और पाकिस्तान के बीच टकराव के पीछे ये है अहम कारण
अमेरिका और पाकिस्तान के बीच चल रहे मौजूदा टकराव के पीछे असली वजह है अफगानिस्तान। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच काफी लंब बॉर्डर है। अफगानिस्तान में अमेरिका को सीधे चुनौती दे रहे तालिबान के सबसे मजबूत धड़े हक्कानी गुट को पाकिस्तान मदद दे रहा है। अमेरिका लंबे समय से हक्कानी गुट पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा है, लेकिन पाकिस्तान टस से मस नहीं हो रहा है। इसी बात से नाराज होकर डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 1626 करोड़ रुपए की सैन्य सहायता को रोक दिया है।
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