नई दिल्ली: अरूणाचल प्रदेश के छात्रों के एक दल ने यहां केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, जन शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह से मुलाकात की।
छात्रों को संबोधित करते हुए डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार की प्राथमिकता पूर्वोत्तर क्षेत्र है। पूर्वोत्तर के लिए विभिन्न पहलों को उजागर करते हुए, उन्होंने कहा कि सरकार ने पूर्वोत्तर में रेल, सड़क और वायु सम्पर्क को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि ईटानगर में नए हवाई अड्डे का निर्माण जल्द शुरू होने वाला है। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि अरूणाचल प्रदेश में दूसरे भारतीय फिल्म और प्रशिक्षण संस्थान (एफटीआईआई) की स्थापना की जाएगी, पहला फिल्म संस्थान पुणे, महाराष्ट्र में है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए क्षेत्र आधारित सड़क विकास योजना ‘‘पूर्वोत्तर सड़क क्षेत्र विकास योजना’’ (एनईआरएसडीएस) की शुरूआत की जा चुकी है, ताकि ऐसी सड़कों का रखरखाव, निर्माण और उन्नयन किया जा सकें, जो दो राज्यों को आपस में जोड़ने वाली सड़कों के कारण उपेक्षित रहती हैं, बिना स्वामित्व के रहने के परिणामस्वरूप उन्हें ‘‘अनाथ सड़कें’’ कहा जाता है।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में पर्यटन को बढ़ावा देने को प्राथमिकता दी जा रही है। सरकार की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के बारे में उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र की संस्कृति, जीवन शैली और खान-पान की आदतें पड़ोसी देशों से मिलती हैं। उन्होंने कहा कि इस बात को ध्यान में रखते हुए पूर्वोत्तर राज्यों को ऐसे उत्पादों के निर्माण पर ध्यान देना चाहिए, जिन्हें बाजार में स्थान मिल सके और पूर्वोत्तर राज्यों में व्यापार को बढ़ावा मिले।
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय द्वारा युवाओं से जुड़ी पहलों के बारे में डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में पूर्वोत्तर के छात्रों के लिए बराक छात्रावास और बेंगलूरू में पूर्वोत्तर की लड़कियों के लिए छात्रावास की आधारशिला रख दी गई है। उन्होंने बताया कि नई दिल्ली के द्वारका इलाके में जल्द ही पूर्वोत्तर सांस्कृतिक सूचना केन्द्र स्थापित किया जाएगा।
इस अवसर पर अरूणाचल प्रदेश के युवकों ने डॉ. जितेन्द्र सिंह को सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम की तर्ज पर उनके द्वारा बनाई गई मिट्टी की एक प्रतिमा भेंट की। डॉ. सिंह ने स्वदेशी निर्माण और सरकार के मेक इन इंडिया कार्यक्रम को बढ़ावा देने की इस अनोखी पहल के लिए युवकों को बधाई दी, जिसका उद्देश्य देश के युवाओं को रोजगार प्रदान करना है। उन्होंने युवकों से अपील की कि वे स्वदेशी निर्माण की दिशा में प्रयास करें, जिससे अर्थव्यवस्था में तेजी लाने और रोजगार के अवसर बढ़ाने में मदद मिलेगी।