लखनऊ: 12 फरवरी, 2015, राज्य सरकार प्रदेश में अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु प्रतिबद्ध है। राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा संचालित इस प्रकार की निर्माणाधीन योजनाओं/कार्यों के क्रियान्वयन में उत्पन्न विभिन्न समस्याओं का ससमय निराकरण करने हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रोजेक्ट माॅनीटरिंग ग्रुप गठित किया गया है। इस ग्रुप की बैठक यथासम्भव प्रत्येक दो माह में एक बार आयोजित की जाएगी।
यह जानकारी आज यहां देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इन परियोजनाओं से राज्य के बहुआयामी विकास में वृद्धि के साथ-साथ देश में भी अवस्थापनाओं का विकास होगा।
प्रोजेक्ट माॅनीटरिंग ग्रुप में प्रमुख सचिव नियोजन (सदस्य-संयोजक), अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त (सदस्य), प्रमुख सचिव गृह (सदस्य), प्रमुख सचिव वन (सदस्य), प्रमुख सचिव पर्यावरण (सदस्य), प्रमुख सचिव राजस्व (सदस्य), प्रमुख सचिव ऊर्जा (सदस्य), प्रमुख सचिव नगर विकास (सदस्य), प्रमुख सचिव आवास (सदस्य), प्रमुख सचिव भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग (सदस्य), केन्द्रीय परियोजनाओं से सम्बन्धित भारत सरकार के रेल/सड़क परिवहन एवं राजमार्ग/नागरिक उड्डयन मंत्रालयों के नामित प्रतिनिधि (सदस्य), केन्द्रीय परियोजनाओं से सम्बन्धित भारत सरकार के केन्द्रीय उपक्रमों के नामित प्रतिनिधि (सदस्य), सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारी (विशेष आमंत्री) तथा केन्द्र/राज्य सरकार के आवश्यकतानुसार अन्य विभाग के नामित प्रतिनिधि (विशेष आमंत्री) शामिल हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि प्रोजेक्ट माॅनीटरिंग ग्रुप का सचिवालय नियोजन विभाग के अधीन कार्यरत योजना अनुश्रवण एवं मूल्य प्रबन्धन प्रभाग, राज्य नियोजन संस्थान, नियोजन विभाग, लखनऊ होगा। इस उच्च स्तरीय समिति का कार्यक्षेत्र केन्द्र सरकार द्वारा संचालित विभिन्न अवस्थापनाओं सम्बन्धी परियोजनाओं के समयबद्ध क्रियान्वयन में आने वाली समस्याओं की समीक्षा किया जाना है। इसके साथ ही, राज्य सरकार की लम्बित जिन परियोजनाओं में केन्द्र सरकार स्तर पर स्वीकृति अपेक्षित है, उन्हें चिन्ह्ति कर समीक्षोपरान्त समुचित कार्यवाही भी इस समिति द्वारा की जाएगी। इनके अलावा, समिति द्वारा परियोजनाओं के क्रियान्वयन के दौरान विभिन्न प्रकार की समस्याओं जैसे-भूमि अधिग्रहण, नामान्तरण, पुनर्वास एवं पुनस्र्थापना, प्रतिकर का वितरण आदि को चिन्ह्ति कर उच्च स्तरीय कार्यवाही भी कराई जाएगी।
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