देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश में अवैध खनन को रोकने के लिये कारगर प्रयास करने के निर्देश सम्बंधित अधिकारियों को दिये है। उन्होंने इसके लिये जिलाधिकारी, खनन विभाग व परिवहन विभाग को आपसी समन्वय से कार्य करने के भी निर्देश दिये है। अवैध खनन का कारोबार प्रदेश में बन्द हो यह सुनिश्चित किया जाना अधिकारियों की जिम्मेदारी है। उन्होंने जिलाधिकारियों को भी इस सम्बंध में सख्ती बरतने को कहा है।
सचिवालय में खनन से सम्बंधित बैठक में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने निर्देश दिये कि खनन से सम्बंधित लाॅटो की ई-टेन्डरिंग में शीघ्रता की जाए। इनमें सभी नये लाॅटो को सम्मिलित किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि जिन क्षेत्रों में जीएमवीएन, केएमवीएन व वन निगम द्वारा खनन की कार्यवाही करने में असमर्थता जतायी जा रही है, उन्हें भी ई-टेन्डरिंग की प्रक्रिया में शामिल किया जाए। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने मत्स्य तालाबों के निरीक्षण के साथ ही तालाबों का पिछले 05 साल का विवरण तैयार करने के भी निर्देश दिये ताकि यह ज्ञात हो सकें कि इन तालाबों में कितना मत्स्य पालन हुआ एवं कितनी शील्ड जमा हुई। उन्होंने ऐसे तालाबों के आस-पास जमा शील्ड के निस्तारण में भी ई-टेन्डरिंग की व्यवस्था किये जाने को कहा।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जमीन समतलीकरण के नाम पर किये जा रहे अवैध खनन पर भी नजर रखी जाए तथा इसमें भी राॅयल्टी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसमें किसानों को उसकी जमीन से निकलने वाली सामग्री का उचित दाम मिल सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे कारोबार से खेत का स्वरूप ने बिगडे तथा मिट्टी खराब न हो, यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में संचालित स्टोन क्रशर की भी माॅनिटरिंग करने को कहा। स्टोन क्रशर के पास आने वाली सामग्री की जांच की जाए। स्टोन क्रशर द्वारा उपयोग की जा रही सामग्री व उत्पादन का पूरा विवरण रखे जाने की व्यवस्थागत प्रक्रिया निर्धारित की जाए। इसमें होने वाली आपसी मिलीभगत को सख्ती के साथ पूरी तरह से समाप्त किया जाए।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि यह व्यवस्था की जाए कि पर्वतीय क्षेत्रों के लिये खनन सामग्री वही पर उपलब्ध हो जाए। उन्होंने नदियों में 500 मीटर डाउनस्ट्रीम में कार्य शुरू करने की प्रक्रिया शीघ्र प्रारम्भ करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने खनन कार्य में स्थानीय परिस्थितियों के आंकलन पर भी ध्यान देने को कहा। जो पुल अथवा झूला पुल हार्डराॅक पर नदी की सतह से ऊपर बने है, उनके दोनो तरफ 01 कि.मी. में जमे शील्ड की निकासी के लिये अलग से कोई रास्ता निकाला जाए। उन्होंने कहा कि नदियों में अत्याधिक शील्ड जमा होने से बरसात में उपजाऊ खेत व जंगलों को नदियों की धारा नुकसान पहुंचा रही है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्गों व आॅलवेदर रोड के लिये निर्माण सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित हो इसका भी ध्यान रखा जाए, ताकि निर्माण कार्य बाधित न हों। मुख्यमंत्री ने सिंचाई विभाग से रीवर ट्रेनिंग पाॅलिसी के अधीन नदियों की सफाई की दिशा में भी तेजी से कार्य करने को कहा।
बैठक में प्रमुख सचिव श्री आनन्द वर्द्धन ने प्रदेश में अपनायी जा रही खनन प्रक्रिया की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि खनन की राॅयल्टी की दरो में पहले की अपेक्षा कुछ कमी की गई है।