नयी दिल्ली: देश की यात्रा में कुछ ऐसे क्षण आते हैं, जो मूलभूत रूप से इतिहास की दिशा बदल देते हैं। ऐसा ही क्षण था भारत छोड़ो आंदोलन, जो 09 अगस्त, 1947 को प्रारंभ हुआ और इसकी परिणति भारत की स्वतंत्रता में हुई। इसीलिए देश भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। तिरंगा यात्रा नये भारत की दिशा में संकल्प से सिद्दी प्राप्ति का अवसर है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन तिरंगा यात्रा आयोजित कर भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ समारोह में शामिल हो रहा है। 23 अगस्त, 2017 को मुम्बई में आयोजित तिरंगा यात्रा में विभिन्न उद्योगों के श्रमिकों, विभिन्न क्षेत्रों के कर्मचारियों और ईपीएफओ सहित श्रम और रोजगार मंत्रालय के कर्मचारियों और अधिकारियों ने भाग लिया। श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री बंडारू दत्तात्रेय ने मुम्बई के बांद्रा (ईस्ट) में इंडियन ऑयल कार्यालय के निकट झंडी दिखाकर तिरंगा यात्रा को रवाना किया। यह यात्रा बांद्रा (ईस्ट) के ईपीएफओ के क्षेत्रीय कार्यालय में समाप्त हुई।
इस अवसर पर श्री बंडारू दत्तात्रेय ने सभी कर्मचारियों, नियोक्ताओं, ईपीएफओ के कर्मचारियों और अधिकारियों से जाति, नस्ल और धर्म से ऊपर उठकर स्वयं को भारतीय के रूप में पहचानने की अपील की। श्री दत्तात्रेय ने भ्रष्टाचार, भारत छोड़ो और स्वच्छ भारत बनाने का नारा दिया। श्री दत्तात्रेय ने नई प्रौद्योगिकी के उपयोग और उपभोक्ताओं को आधार आधारित सेवा देने के लिए ईपीएफओ के कदमों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार 2022 तक सभी को मकान देने के लिए संकल्पबद्ध है। ईपीएफओ ने आवास योजना लॉन्च की है, जिसमें भविष्य निधि में एकत्रित होने वाली भविष्य की राशि में से ईएमआई के मासिक भुगतान के अतिरिक्त् ईपीएफ राशि का 90 प्रतिशत निकाला जा सकता है। उन्होंने कर्मचारियों और अधिकारियों से ‘करेंगे और करके रहेंगे’ का नारा लगाने का आग्रह किया।
इस तिरंगा यात्रा में लोकसभा सांसद श्री गोपाल शेट्टी, महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य श्री आशीष शेलर, श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव श्रीमती एम.सत्यवती, श्रम और रोजगार मंत्रालय में अपर सचिव श्री हीरालाल समरिया, केन्द्रीय भविष्य निधि आयुक्त डॉ. वी.पी. ज्वॉय तथा श्रम और रोजगार मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।