नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने कॉस्टीट्यूशन क्लब, नई दिल्ली में सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य के राजनीतिक दलों के साथ निम्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक बैठक आयोजित की:
- इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और वीवीपैट।
- चुनाव में रिश्वतखोरी को एक संज्ञेय अपराध बनाना।
- चुनावों में रिश्वतखोरी के अपराध के लिए आरोप तय करने पर अयोग्यता।
- वीवीपैट रिकाउंट रूल्स के बारे में सुझाव।
इस बैठक में 07 राष्ट्रीय और 35 राज्य दलों दलों ने भाग लिया।
अपने उद्घाटन भाषण में मुख्य निर्वाचन आयुक्त डॉ नसीम जैदी ने सभी राजनीतिक दलों के योगदान को रेखांकित किया और कहा कि प्रणालीगत सुधार और प्रगतिशील उपायों का उद्देश्य चुनावी प्रक्रियाओं और प्रणालियों में सुधार लाना है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने हाल ही में भिंड और धौलपुर में संपन्न हुए उप चुनावों में कथित तौर पर ईवीएम में हेरफेर की घटनाओं के बारे में कुछ राजनैतिक दलों द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए इन्हें बेबुनियाद करार दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह का कोई मामला सामने नहीं आया।
आयोग ने ईवीएम और वीवीपैट की छेडछाड़ के खिलाफ तकनीकी, प्रशासनिक और प्रक्रियात्मक प्रोटोकॉल के बारे में मजबूत सुरक्षा की व्यापक रेंज पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा आयोग उन सझावों का स्वागत करता है कि कैसे ईवीएम की विश्वसनीयता में और सुधार किया जा सकता है।
सीईसी ने राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को जानकारी दी कि चुनाव आयोग राजनैतिक दलों को चुनौती देगा तथा उन्हें इसका मौका भी देगा कि वे हाल में ही संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में प्रयोग की गयी ईवीएम मशीनों के साथ हुई छेडछाड़ का सबूत दें कि ईवीएम मशीनों के साथ निर्धारित तकनीकी एवं प्रशासनिक सुरक्षा उपायों के तहत भी गड़बडी की जा सकती है।