उत्तरकाशी: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तकाशी के गंगाणी में ’’आपकी राय-आपका बजट’’ की अभिनव पहल के अन्र्तगत क्षेत्र के किसानों से सीधा संवाद किया। उन्होंने प्रदेश के आगामी बजट में गांवो के विकास एवं कृषि क्षेत्र में सुधार हेतु किसानों के सुझाव आमंत्रित किये।
जनता का बजट जनता से पूछकर ही बनाया जायेगा–मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी बजट जनता से पूछकर बनाया जायेगा, यह पूरी तरह जनता का बजट होगा। हमनें एक नई शुरूआत की है। आम आदमी, गांववासियों, युवाओं , महिलाओं, सैनिकों, अनुसूचित जनजातियों सहित समाज के प्रत्येक वर्ग के सुझाव बजट में शामिल किये जायेंगे। केन्द्र सरकार द्वारा कृषि व सम्बिधत क्षेत्र हेतु 6000 करोड़ रूपये प्रदान किये गये है।
फूड प्रोसेसिंग से किसानों की उन्नति होगी –मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने किसानों से कहा कि फूड प्रोसेसिंग द्वारा कृषि उत्पादों की वैल्यू एडिशन होती है । किसानों को फूड प्रोसेसिंग व अच्छी पैकेजिंग पर ध्यान देना होगा। जहां विदेशों में कुल कृषि उत्पादों की 40 प्रतिशत तक फूड प्रोसेसिंग होती है हमारे देश में यह अभी मात्र 15 प्रतिशत ही है।
इन्टिग्रेटेड फार्मिग को अपनाये किसान– मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि किसानों को परम्परागत कृषि उत्पादों के अतिरिक्त मधुमक्खी पालन जैसे अन्य सम्बन्धित कार्यो पर भी ध्यान देना होगा। हमें इन्टिग्रेटेड फार्मिग की ओर आधिक प्रोत्साहित करना होगा।
इस कार्यक्रम में क्षेत्र के किसानों ने मुख्यमंत्री को कृषि से सम्बन्धित विभिन्न सुझाव दिये। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने सभी सुझावों का संज्ञान लेते हुए किसानों से कहा कि कार्यक्रम के दौरान प्राप्त सभी बहुमूल्य सुझावों को आगामी बजट में रखने का प्रयास किया जायेगा
बड़कोट के एक किसान ने सुझाव दिया कि पहाड़ी खेत छितेरे हुये है। किसी भी खेत का क्षेत्रफल 50 हेक्टेयर तक नहीं है। यहां चकबन्दी की आवश्यक रूप से आवश्यकता है। स्वैच्छित चकबन्दी से काम नही चलेगा। चकबन्दी हेतु विशेष कानून बनाने की जरूरत है। क्षेत्र के एक किसान ने सुझाव दिया कि मैदान व पर्वतीय कृषि में बहुत अन्तर है। पहाड़ो के लिये एक अलग से कृषि नीति बनाने की जरूरत है। यहां पैमाइश की व्यवस्था को भी खत्म किया जाय। एक किसान ने सुझाव दिया कि खेती को बन्दरों से काफी नुकसान हो रहा है। बजट में बन्दरो से बचाव हेतु विशेष प्रावधान किया जाय। क्षेत्र के अन्य किसान ने सुझाव दिया कि हिमाचल के तर्ज पर कृषि उत्पादों पर कमीशन ग्राहको से वसूला जाय। एक किसान ने सुझाव दिया कि स्थानीय उत्पादों की पहुच बढ़ाने तथा हर की दून में अधिक से अधिक पर्यटक आ सके, इसके लिये सड़कों के द्वारा क्षेत्र की कनेक्टिीविटी बढ़ायी जाय। महिला किसान सुलोचना गौड़ ने सुझाव दिया कि बागवानी व बगीचो को ओलावृष्टि से बचाव के लिये बजट में विशेष प्रावधान किया जाय। एक अन्य महिला किसान ने ने कहा कि अच्छी खेती के लिये जलस्रोतों को रिचार्ज करने हेतु कार्य किया जाय। एक किसान ने कहा कि सेब के अलावा क्षेत्र में अन्य सीजनल फलों के उत्पादन पर भी ध्यान दिया जाय। रंवाई के एक किसान ने कहा कि रवांई घाटी में सेब, आलू व मटर हेतु एमएसपी न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया जाय। राज्य में फूलों की मंडी स्थापित की जाय। किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है इस हेतु मंडी की कार्यप्रणाली की भी समीक्षा भी की जाय। एक किसान ने सुझाव दिया कि असिचित क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ाने हेतु पानी की उचित व्यवस्था की जाय। एक अन्य किसान ने सुझाव दिया किसानों के बच्चों के हितों का भी ध्यान रखा जाय। क्षेत्र में एक बीसएनएल टावर भी लगाया जाय। क्ुमारी प्रीति एक स्कूली छात्रा ने सुझाव दिया कि राज्य के हर विद्यालय में कृषि विषय जरूर रखा जाय। एक किसान ने सुझाव दिया कि जैविक खेती के लिये अलग से मार्केट उपलब्ध करवायी जाय। एक किसान ने सुझाव दिया कि जैसे मैदानों में खेती हेतु टैªक्टर हेतु सब्सिडी दी जाती है उसी प्रकार पर्वतीय क्षेत्रों में बैलों की खरीद हेतु सब्सिडी दी जाय। एक किसान ने सुझाव दिया के जंगल को लीज पर देकर बांस की खेती करवायी जाय। खेती में नयी तकनीकी के प्रयोग जैसे पम्पिंग व स्प्रिकिलिंग द्वारा सिंचाई को बढ़ावा दिया जायं एक अन्य किसान ने सुझाव दिया कि सड़को का चैड़ीकरण करवाया जाय ताकि उत्पादों की बाजार तक पहुंच आसान हो सके।
सभी सुझावों को सुनने के पश्चात मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने बजट में कृषि सुधारों से सम्बन्धित सुझावों को शामिल करने के अलावा किसानों को केन्द्र व राज्य सरकार की विभिन्न कृषि कल्याण योजनाओं का अधिकाधिक लाभ उठाने की अपेक्षा की।