देहरादून: प्रदेश के वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कहा है कि राज्य में वित्तीय अनुशासन एवं पारदर्शिता अपनाने में वित्त सेवा के अधिकारियों का अहम योगदान है। श्री पंत ने कहा कि राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता राज्य में वित्तीय अनुशासन और भ्रष्टाचारमुक्त प्रशासन देना है। राजपुर रोड स्थित स्थानीय होटल में उत्तराखण्ड वित्त सेवा अधिकारी संघ के वार्षिक अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए श्री पंत ने वित्त सेवा से जुड़े सभी अधिकारियों से अपेक्षा की कि राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में अपना सक्रिय योगदान दे। श्री पंत ने कहा कि वर्तमान समय की आवश्यकता को देखते हुए सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक उपयोग किया जाय। विभिन्न विभागों और संस्थाओं में तैनात वित्त सेवा के अधिकारी अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन करे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आम जनता के हित में अनेक योजनाएं शुरू की गई है। श्री पंत ने कहा कि हम सभी का लक्ष्य प्रदेश के विकास के नये पथ पर अग्रसर करना होना चाहिए। इसके लिए हम सभी को अपने-अपने स्तर पर समन्वित प्रयास करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विशिष्टि अतिथि श्री अमित नेगी ने वित्त विभाग में प्रचलित एवं नवीन योजनाओं के क्रियान्वयन में वित्त सेवा के अधिकारियों के प्रयासों को रेखांकित किया। निदेशक वित्त सेवा श्री एल.एन.पंत द्वारा आश्वस्त किया गया कि सरकार की प्राथमिकताओं के अनुरूप सुदृढ़ वित्तीय प्रबंधन तथा सतत रूप से सुधार करते हुए कार्य किया जाएगा।
उत्तराखण्ड वित्त सेवा अधिकारी संघ के वार्षिक अधिवेशन में नई कार्यकारिणी का गठन किया गया। जिसमें श्री एल.एन.पंत को अध्यक्ष, श्री मनीष कुमार उप्रेती को महासचिव निर्वाचित किया गया। इसके अतिरिक्त श्री अरूणेन्द्र सिंह चैहान एवं डी.एस.बोनाल को उपाध्यक्ष, विक्रम सिंह जन्तवाल को सचिव प्रशासन, श्री वीरेन्द्र रावत को सचिव प्रकाशन, तन्जीम अली को कोषाध्यक्ष तथा श्री सुनील रतूड़ी को सम्प्रेक्षक नामित किया गया। कार्यकारिणी सदस्य के रूप में श्री बी.सी.तिवारी, श्री पी.सी.खरे, श्रीमती अमिता जोशी, श्री जे.पी.एस.तोमर, श्री अभिषेक आनंद, श्री डी.डी.जोशी को नामित किया गया। इस अवसर संघ के पदाधिकारियों द्वारा सात सूत्रीय मांग पत्र वित्त मंत्री को दिया गया। जिस पर वित्त मंत्री द्वारा उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया।