लखनउ: उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र मंगलवार से शुरू हो रहा है। इस सत्र में भाजपा सरकार 201718 के लिए अपना पहला वाषर्कि बजट पेश करेगी और विपक्षी दल कानून व्यवस्था सहित विभिन्न मुद्दों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को घेरने की कोशिश करेंगे।
विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित द्वारा मंजूर कार्यक्रम के मुताबिक 28 जुलाई तक चलने वाले इस सत्र में कुल 14 बैठकें होंगी। पूर्व की अखिलेश यादव सरकार ने पिछले साल दिसंबर में इस साल 31 जुलाई तक की अवधि के लिए लेखानुदान पेश किया था। पारित किये जाने से पहले बजट और विभिन्न विभागों के बजटीय प्रावधानों पर चर्चा के लिए पृथक दिन तय किये गये हैं।
बजट के अलावा सदन में कुछ विधायी कार्य भी होगा। सपा, बसपा और कांग्रेस सहित विपक्षी दल कानून व्यवस्था के मोर्चे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहे हैं। कुल 403 सदस्यीय सदन में भाजपा और सहयोगी दलों के पास 325 सदस्य हैं जबकि विपक्ष के पास केवल 74 विधायक हैं।
भाजपा के मार्च में सत्ता में आने के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा के पहले सत्र में विपक्षी दलों ने राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर सदन में काफी हंगामा किया था। सदन में विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी की, सीटियां बजायीं और राज्यपाल राम नाईक के संबोधन के दौरान उनकी ओर कागज के गोले बनाकर फेंके।
मई में हुए सत्र में राज्य जीएसटी विधेयक को ध्वनिमत से पारित किया गया था।
सरकार की ओर से 201718 के बजट में फसली रिण माफ करने के मद में 36, 000 करोड रूपये और सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए 34, 000 करोड रूपये के अतिरिक्त संसाधन जुटाने का प्रस्ताव होगा । चुनावी घोषणापत्र में किये गये कुछ अन्य वायदों को भी इसमें समाहित किया जा सकता है।
ऐसा पहली बार है कि राज्य सरकर को किसी वित्त वर्ष में इतनी बडी राशि की अतिरिक्त फंड के रूप में आवश्यकता होगी। सरकारी आंकडों के मुताबिक 201213 में राज्य का कुल रिण 2, 25, 123 . 59 करोड रूपये था जो इस साल 31 मार्च तक बढकर 3, 75, 049 . 45 करोड रूपये हो गया।