स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत उत्तराखंड और हरियाणा ने खुद को देश का चौथा और पांचवां खुले में शौच मुक्त राज्य घोषित किया है। ये दोनों राज्य सिक्किम, हिमाचल प्रदेश और केरल की श्रेणी में शामिल हो गए हैं, जो पहले ही खुले में शौच मुक्त राज्य घोषित हो चुके हैं। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण शुरू होने के ढ़ाई महीने के भीतर ही राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता का दायरा 42 प्रतिशत से बढ़कर 64 प्रतिशत हो गया है।
उत्तराखंड में 13 जिले, 95 ब्लॉक, 7256 ग्राम पंचायतें और 15751 गांव हैं, जबकि हरियाणा में 21 जिले, 124 ब्लॉक और 6083 ग्राम पंचायतें हैं। इन सभी ने क्रमश: देहरादून और चंडीगढ़ में खुद को खुले में शौच मुक्त घोषित किया।
इस अवसर पर पेयजल और स्वच्छता मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने देहरादून में कहा कि 2 अक्टूबर, 2014 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन की शुरूआत की थी। आज यह वास्तव में जन आंदोलन बन चुका है। इस मील के पत्थर तक पहुंचने में उत्तराखंड और हरियाणा की जनता, सरकारी अधिकारियों और अन्य संस्थानों के प्रतिनिधियों ने योगदान दिया।
इस उपलब्धि को हासिल करने के बारे में टिप्पणी करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि सहयोगपूर्ण सामुदायिक भागीदारी के कारण उत्तराखंड खुले में शौच मुक्त राज्य का दर्जा हासिल कर सका। प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत के आह्वान के परिणामस्वरूप यह विशेष उपलब्धि हासिल हुई। उन्होंने उत्तराखंड को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए ग्राम प्रधानों की भूमिका की सराहना की।
खुले में शौच मुक्त घोषित राज्य को बधाई देते हुए पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के सचिव परमेश्वरन अय्यर ने कहा कि देशभर में खुले में शौच मुक्त की दिशा में जबरर्दस्त प्रगति के बाद स्वच्छ भारत ग्रामीण के लिए अगला कदम इस स्थिति को लम्बे समय तक बनाए रखने के साथ ही ग्रामीण भारत में ठोस और कचरा प्रबंधन की नियमित व्यवस्था करना होगी।
पांच राज्यों के खुले में शौच मुक्त होने के साथ ही देशभर में दो लाख से ज्यादा गांवों और 147 जिलों को खुले में शौच मुक्त घोषित किया जा चुका है।
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