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ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के कार्यों की समीक्षा करते हुएः सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के कार्यों की समीक्षा करते हुएः सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत
उत्तराखंड

देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के कार्यें की समीक्षा की। बैठक में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रेल विकास निगम लिमिटेड के अधिकारी भी मौजूद थे। रेल लाइन परियोजना के सभी जनपदों के जिलाधिकारी वीडियो कोंफ्रेंसिंग के द्वारा मीटिंग से जुड़े थे। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री राज्य की सभी महत्वपूर्ण बड़ी परियोजनाओं की मॉनिटरिंग स्वयं कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश में प्रस्तावित रेल पुल के लिए यूपीसीएल, पिटकुल और जल संस्थान को तय समय सीमा के अंदर विद्युत और पेयजल लाइन शिफ्ट करने के निर्देश दिए। यूपीसीएल ने 90 दिन में तथा जल संस्थान ने 30 दिन में लाइन शिफ्टिंग कार्य पूरा करने का वचन दिया। रेल पुल के फाउंडेशन कार्य के लिए निर्धारित जगह वन विभाग 03 दिन में खाली कर देगा और शेष जमीन 30 दिन में खाली कर देगा। अभी वहाँ वन विभाग का फॉरेस्ट रेंज ऑफिस है।

पिछली बैठक में आरवीएनएल द्वारा प्रशासनिक खर्चों के लिए, सभी जनपदों को अलग अलग 05 करोड़ देने के स्थान पर, केवल वर्तमान अवमुक्त 05 करोड़ रुपए को परियोजना के सभी जनपदो में नियत अनुपात में बाँटने का अनुरोध किया गया था, जिसको स्वीकार करते हुए राज्य सरकार ने शासनादेश जारी कर दिया है। अब कुल 05 करोड़ रुपए चारों जनपदों चमोली, पौड़ी, टिहरी और उत्तरकाशी में उनकी भागीदारी के अनुरूप प्रशासनिक खर्चो के लिए बाँटा जाएगा।

बैठक में चारों जनपदों में भू-अधिग्रहण के लिए आवश्यक पुनर्वास और विस्थापन नीति(Rehabilitation and Resettlement Policy) को जल्द बनाने के निर्देश दिए गए। चमोली 01 जून, पौड़ी 10 जून, रुद्रप्रयाग और टिहरी 05 जून तक ड्राफ्ट नीति तैयार कर लेंगे। मुख्यमंत्री ने प्रभावित भवनो के मुआवजे के निर्धारण हेतु व्यावहारिक और जनता के प्रति संवेदनशील मानक तय करने के निर्देश दिए। प्रारम्भिक आँकड़ो के अनुसार चारों जनपदो में 47 गांवों में, 411 भवन रेल लाइन की जद में आएँगे। हालाँकि जनपदों की अंतिम पुनर्वास व विस्थापन नीति जारी होने तक ये आँकड़े घट बढ़ सकते हैं।

सभी जनपदों में रेल लाइन के कार्यों का समन्वय करने के लिए गढ़वाल के अपर मण्डल आयुक्त श्री हरक सिंह रावत को मुख्य समन्वयक अधिकारी तैनात किया जाएगा। आरवीएनएल द्वारा बताया गया कि डीजीएम आरवीएनएल का अतिरिक्त प्रभार टिहरी एडीएम के पास है और वो अत्यधिक कार्य के चलते, रेल लाइन के लिए पर्याप्त समय नहीं दे पा रहे है, इस पर मुख्यमंत्री ने शीघ्र ही उपयुक्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए।

बैठक में बताया गया कि चमोली जनपद में अक्टूबर तक और अन्य तीन जनपदों में दिसम्बर तक मुआवजा घोषित करने का लक्ष्य रखा गया है। आरवीएनएल के चीफ प्रोजेक्ट ऑफिसर हिमांशु बडोनी ने बताया कि उन्हें राज्य सरकार के सभी विभागों का पूरा सहयोग मिल रहा है। अभी तक वन विभाग के दो मामलों में से एक का शासनादेश भी जारी हो गया है और दूसरे में कार्य प्रगति पर है। बैठक में ऋषिकेश-कर्ण प्रयाग प्रोजेक्ट को नैशनल प्रोजेक्ट घोषित करने के विषय पर मुख्यमंत्री ने कहा वो स्वयं मा प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस हेतु अनुरोध करेंगे।

बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश, प्रमुख सचिव डा.उमाकांत पवाँर, सचिव श्री आर.मीनाक्षी सुंदरम, कमिश्नर गढ़वाल मण्डल श्री विनोद शर्मा एवं श्री अरविंद सिंह हयांकी सहित उत्तराखंड सरकार और आरवीएनएल के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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