नई दिल्लीः केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाशजावड़ेकर ने नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उच्च शैक्षणिक संस्थानों के प्रदर्शन के आधार पर विभिन्न श्रेणियों में एनआईआरएफ इंडिया रैंकिंग्स 2018 जारी की। मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह ने इस कार्यक्रम के दौरान एनआईआरएफ रैंकिंग्स पर एक रिपोर्ट जारी की और 9 श्रेणियों में 69 शीर्ष संस्थानों को पुरस्कार प्रदान किए। मानव संसाधन विकास मंत्रालय में सचिव (उच्च शिक्षा) श्री आर.सुब्रमण्यम, एनबीए के चेयरमैन श्री सुरेन्द्र प्रसाद, यूजीसी के चेयरमैन प्रो. डी.बी. सिंह, एआईसीटीई के अध्यक्ष श्री अनिल सहस्रबुद्धे और पुरस्कार विजेता उच्च शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधि भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
इस अवसर पर श्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इन रैंकिंग्स का मुख्य उद्देश्य शिक्षा में गुणवत्ता बेहतर करना, बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्रदर्शन के नये मानक स्थापित करना है। उन्होंने देश में सर्वाधिक विश्वसनीय रैंकिंग प्रणाली स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) के तहत टीम द्वारा किये गये अथक प्रयासों की सराहना की। मंत्री महोदय ने पुरस्कार जीतने वाले सभी संस्थानों के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उन्हें बधाई दी।
मंत्री महोदय ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हम 10 सार्वजनिक एवं 10 निजी उत्कृष्ट संस्थानों (आईओई) की स्थापना एवं उन्नयन के लिए सहायता मुहैया करा रहे हैं, ताकि वे भी शीर्ष 100 वैश्विक संस्थान रैंकिंग में स्थान पा सकें। 20 आईओई की सूची जल्द ही जारी की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय की विभिन्न पहल जैसे कि ज्ञान, आरयूएसए, स्वयम्, स्वयम् प्रभा, टीईक्विप III, स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन, इत्यादि शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता, अनुसंधान एवं नवाचार को और ज्यादा बढ़ावा देने की दिशा में सही कदम हैं।
इस अवसर पर अपने संबोधन में डॉ. सत्य पाल ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व प्रदान करने के लिए हमें अपने ब्रांड बनाने होंगे ताकि अन्य देश हमारा अनुसरण कर सकें। उन्होंने कहा कि स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हमें अपने आपको बेहतर बनाने तथा जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ने का अवसर देता है। उन्होंने आगे कहा कि शोध व अनुसंधान की गुणवत्ता पर हमें विशेष ध्यान देना चाहिए, जो समाज के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है। उन्होंने ऐसी प्रणाली को विकसित करने पर जोर दिया जो देश के उच्च शिक्षा संस्थानों के संपूर्ण विकास पर केन्द्रित हो।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव ने कहा कि एनआईआरएफ रैकिंग उच्च शिक्षा संस्थानों में किए जाने वाले सुधारों का महत्वपूर्ण आधार है। श्री सुब्रमण्यम ने कहा कि वास्तुकला और चिकित्सा को भी इस वर्ष के रैकिंग में शामिल किया गया है।
इंडिया रैकिंग के तीसरे संस्करण में 2809 संस्थाओं ने 9 श्रेणियों में भाग लिया। समग्र रूप से इन संस्थाओं ने 3954 विशिष्ट जानकारी प्रपत्र जमा किए। इसमें 301 विश्वविद्यालय, 906 इंजीनियरिंग संस्थान, 487 प्रबंधन संस्थान, 286 औषधि संस्थान, 71 विधि संस्थान, 101 चिकित्सा संस्थान, 59 वास्तुकला संस्थान तथा 1087 सामान्य डिग्री कॉलेज शामिल हैं।
इंडिया रैकिंग 2018 के तहत संस्थानों को विभिन्न श्रेणियों में रैकिंग दी गई है और सभी संस्थानों की एक सामान्य रैकिंग भी तैयार की गई है। इस रैकिंग में ऐसे संस्थानों को शामिल किया गया है जिसमें 1000 से अधिक छात्र नामांकित हैं।
इंडिया रैकिंग 2018 के मापदंड पिछले वर्षों के समान ही हैं। केवल प्रकाशित शोध सामग्री के महत्व को बढ़ाया गया है। शोध से संबंधित सभी जानकारियां, प्रकाशन, प्रपत्र, पेटेंट जानकारी आदि तीसरे पक्ष से संग्रहित की गई है।
सांस्थानिक और तीसरे दल के स्रोतों से प्राप्त आंकड़ों की संगतता और सत्यता के लिए विशेषज्ञों के दल द्वारा उनकी गहन जांच की जरूरत है। रैंकिंग्स की सूची में विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग और सामान्य विश्वविद्यालय वर्ग में 100-100 संस्थान, प्रबंधन और फार्मेसी में 50-50, मेडिकल में 25 और वास्तुकला और कानून के 10-10 संस्थान शामिल हैं। कुछ संस्थानों को अतिरिक्त रैंकिंग भी दी गई है। ऊपर वर्णित सम्वर्गों में शामिल नहीं हो सके चार संस्थानों को अनुसंधान जैसे पैमाने पर सर्वोत्कृष्टता के लिए विशेष वर्ग दिया गया है।
यद्यपि केन्द्र सरकार द्वारा वित्त पोषित संस्थान सामान्य तौर पर बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, कुछ राज्य वित्त पोषित और निजी संस्थान भी प्रमुखता से रैंकिंग में स्थान पा रही है। कुछ निजी संस्थान और विश्वविद्यालय लगातार अच्छा प्रदर्शन दर्ज करा रहे हैं और कुछ की रैंकिंग में सुधार हुआ है, इससे ये संकेत मिलता है कि वे छात्रों के धन के बदले में बेहतर शिक्षा उपलब्ध करा रहे है।
पिछले साल शुरू सामान्य डिग्री कॉलेजों की रैंकिंग की स्पर्धा में 1,087 कॉलेजों के साथ काफी उत्साहजनक भागीदारी दर्ज की गई। यह पिछले साल की तुलना में लगभग 100 फीसदी की बढ़ोतरी दिखाता है।