नई दिल्ली: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने 10 फरवरी, 2018 को एक देशव्यापी अभियान शुरू किया, ताकि राजमार्गों का इस्तेमाल करने वालों पर प्रतिकूल असर डालने वाले मुद्दों को सुलझाया जा सके। इनमें टोलिंग संबंधी सहूलियत, इलेक्ट्रॉनिक टोलिंग/फास्टैग लेन, टोल प्लाजा पर साफ-सफाई, टोल प्लाजा पर कार्यरत लोगों का व्यवहार, मार्शलों की तैनाती, शौचालयों की सफाई, राजमार्ग नेस्ट (मिनी) का समुचित ढंग से कार्यरत रहना, राजमार्गों के किनारे सुविधाएं और राजमार्ग पर किसी आपातकालीन स्थिति आने पर एम्बुलेंस और क्रेन की उपलब्धता शामिल हैं। एनएचएआई के चेयरमैन श्री दीपक कुमार ने 9 फरवरी, 2018 को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए राजमार्ग परिचालन इकाई के सभी क्षेत्रीय अधिकारियों में से प्रत्येक को देश भर में कम से कम दो टोल प्लाजा का मुआयना करने और इसके इस्तेमालकर्ताओं को बेहतर सुविधा सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत तौर पर वहां उपर्युक्त सुविधाओं की उपलब्धता की पड़ताल करने का निर्देश दिया। तदनुसार, 10 फरवरी 2018 को राजमार्ग परिचालन प्रभाग द्वारा देश भर में एक साथ 300 से भी अधिक टोल प्लाजा पर एक व्यापक अभियान शुरू किया गया। राजमार्ग परिचालन अधिकारियों ने टोल प्लाजा का मुआयना किया और इस्तेमालकर्ताओं की सुविधाओं से जुड़े मसले सुलझाए तथा लोगों से जानकारियां (फीडबैक) लीं।
श्री दीपक कुमार ने यह भी कहा कि एनएचएआई टोल प्लाजा के लिए एक रैंकिंग प्रणाली शुरू करेगा। हर तिमाही तीन सर्वोत्तम टोल प्लाजा की पहचान की जाएगी और उनके नाम एनएचएआई की वेबसाइट पर अपलोड किए जाएंगे। उन्होंने विश्वास जताया कि टोल प्लाजा की रैंकिंग से जो प्रतिस्पर्धी माहौल बनेगा, उससे राजमार्गों के इस्तेमालकर्ताओं के लिए सुविधाएं और सहूलियत बेहतर हो जाएंगीं।