नई दिल्ली: कुछ समाचार पत्रों में आज प्रकाशित आरोपों के जवाब में बिजली मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत काम करने वाली कंपनी एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) ने किए गए दावों का भरपूर खंडन किया है। कंपनी ने कहा है कि ये आरोप गलत, भ्रामक और तथ्यों से परे हैं।
आरोपों का खंडन करते हुए ईईएसएल ने कहा है कि एलईडी बल्बों की खरीद कंपनी अत्यंत पारदर्शी और व्यवसायिक तरीके से करती है। अब तक ‘उजाला’ योजना के अंतर्गत 22 करोड़ से अधिक एलईडी बल्बों की बिक्री की गई है, जिससे उपभोक्ताओं को बिजली के बिलों में 11,500 करोड़ रुपए की बचत हुई है।
कंपनी ने कहा है कि एलईडी बल्ब ई-खरीद द्वारा प्राप्त किए जाते है और इसके लिए अत्यंत पारदर्शी तरीका अपनाते हुए निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन किया जाता है।
उल्लेखनीय है कि ईईएसएल का गठन बिजली मंत्रालय के चार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के संयुक्त कार्यक्रम के तहत किया गया था। इनमें एनटीपीसी, पीजीसीआईएल, आरईसी और पीएफसी जैसी सरकारी कंपनियां शामिल हैं, जो बिजली मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत काम करती हैं। ईईएसएल के निदेशक मंडल में चारों सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं और बिजली मंत्रालय तथा बीईई के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों को भी इसमें रखा गया है। कंपनी के प्रबंध निदेशक का चयन बिजली मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में गठित एक समिति करती है। कंपनी की सभी वार्षिक रिपोर्टें इसकी वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
ईईएसएल 05 जनवरी, 2015 को माननीय प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए जाने वाले राष्ट्रीय एलईडी प्रकाश कार्यक्रमों की कार्यान्वयन एजेंसी है।
एलईडी बल्बों की खरीद के लिए कंपनी पारदर्शी प्रक्रिया का पालन करती है। इसके लिए ई-संविदा की घोषणा राष्ट्रीय समाचार पत्रों में की जाती है। इसके साथ वेबसाइट पर भी इसे अपलोड किया जाता है। खरीद प्रक्रिया को बोर्ड द्वारा मंजूरी दी जाती है और इसके लिए सख्त नियमों का पालन किया जाता है।
एलईडी कार्यक्रमों के तहत बल्बों की खरीद के लिए केवल उन्हीं निर्माण इकाईयों को अनुमति दी जाती है जो भारत में मौजूद हैं। इस तरह भारत में ही निर्मित एलईडी बल्बों का उपयोग होता है। ईईएसएल ने यह भी स्पष्ट किया है कि चीन सहित किसी भी ऐसी निर्माण इकाई को अनुमति नहीं प्राप्त है जो भारत में मौजूद नहीं है। ऐसी कंपनियों को संविदा में हिस्सा लेने का अधिकार नहीं है।
ईईएसएल ने देश में अब तक 19 लाख से अधिक स्ट्रीट लाइटों को एलईडी में बदल दिया है। इस संबंध में गुजरात स्थित नवसारी नगर पालिका परियोजना में एलईडी स्ट्रीट लाइट से अक्टूबर 2016 से जनवरी 2017 तक बिजली के बिलों में 2,24,891 रुपए की बचत हुई है। इसी तरह दक्षिण दिल्ली नगर निगम की परियोजना को अभी हाल में चालू किया गया है। यह परियोजना विश्व की सबसे बड़ी परियोजना है, जिसके तहत दो लाख स्ट्रीट लाईट आती हैं यहां एलईडी बल्बों के इस्तेमाल से बिजली खपत में 55 प्रतिशत से अधिक कटौती हुई है।
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