17.4 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

कुछ गांवों में विद्युतीकरण की स्थिति के बारे में स्‍पष्‍टीकरण

देश-विदेश

नई दिल्ली: दीन दयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) के तहत तय किये गये ग्राम विद्युतीकरण लक्ष्‍यों को निर्धारित समय से काफी पहले हासिल कर लिया गया है। केन्‍द्र सरकार एवं राज्‍यों की एजेंसियों के साथ-साथ इस कार्यक्रम से प्रत्‍यक्ष अथवा अप्रत्‍यक्ष रूप से जुड़े अन्‍य सभी हितधारक लक्षित समय सीमा के भीतर इस महत्‍वपूर्ण कार्य की पूर्णता सुनिश्चित करने के लिए अपने अभूतपूर्व प्रयासों हेतु सराहना और प्रशंसा के पात्र हैं।

उल्‍लेखनीय है कि बिजली पहुंचाने की दृष्टि से शेष बचे गांवों में से ज्‍यादातर गांव सुदूर एवं दुर्गम क्षेत्रों में अवस्थित थे। ये गांव कठिन पहाड़ी इलाकों, गहरे वन क्षेत्रों और  वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में स्थित हैं। यही कारण है कि विद्युतीकरण की दृष्टि से इन गांवों की अब तक उपेक्षा की जाती रही थी।

दीन दयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) के शुभारंभ से पहले 2012-13 से लेकर 2014-15 तक के तीन वर्षों में प्रत्‍येक साल औसतन केवल 1730 गांवों का ही विद्युतीकरण हो पाया था। यहां तक कि वर्ष 2013-14 में तो सिर्फ 1197 गांवों का ही विद्युतीकरण हुआ था, जो इस लिहाज से अब तक के न्‍यूनतम आंकड़े को दर्शाता है।

मीडिया के एक वर्ग में इस आशय की खबरें आई हैं कि सरकार भले ही शत-प्रतिशत गांवों में बिजली पहुंचाने का दावा कर रही हो, लेकिन कुछ गांवों में अब तक बिजली नहीं पहुंची है। इस संबंध में यह बात दोहराई जा रही है कि सरकार ने दीन दयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) के तहत उन सभी शेष बचे गैर-विद्युतीकृत गांवों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्‍य तय किया था, जिसकी पहचान जनगणना कोड के अनुसार की गई थी और जिसके बारे में 01 अप्रैल 2015 तक राज्‍यों द्वारा जानकारी दी गई थी। इन सभी गांवों में विद्युतीकरण का कार्य पूरा होने के बारे में जानकारी सभी संबंधित राज्‍यों ने दी है। यह हो सकता है कि उप-ग्राम इकाइयों जैसे कि बस्तियों/गांवड़ी/ढाणी/माजरा/टोला में अवस्थित कुछ घरों में बिजली अब तक न पहुंची हो और यह माना जा रहा है कि कुछ समाचार एजेंसियां इन्‍हीं बस्तियों के बारे में जानकारियां दे रही हैं।

सरकार सार्वभौमिक घरेलू विद्युतीकरण के लक्ष्‍य की प्राप्ति के उद्देश्‍य से अंतिम छोर या घर तक कनेक्टिविटी उपलब्‍ध कराने और ग्रामीण एवं शहरी दोनों ही क्षेत्रों में स्थित शेष बचे सभी घरों में बिजली सुविधा कनेक्‍शन सुलभ कराने के लिए पहले ही ‘प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना – सौभाग्‍य’ शुरू कर चुकी है। शेष बचे सभी घरों को सौभाग्‍य के तहत कवर किया जाएगा, जिनमें जनगणना गांवों से संबंधित बस्तियों/गांवड़ी/ढाणी/माजरा/टोला में अवस्थित घरों के साथ-साथ शहरी बस्तियों से जुड़े घर भी शामिल हैं।

उपर्युक्‍त समाचारों में जिन गांवों का उल्‍लेख किया गया है उनमें से ज्‍यादातर गांव कोई जनगणना गांव नहीं हैं, बल्कि असल में वे बस्तियां/गांवड़ी/ढाणी/माजरा/टोला हैं इसका उल्‍लेख नीचे किया गया है :

  1. मध्‍य प्रदेश

अलीराजपुर जिले में स्थित 3 गांव यथा झनदाना, अम्‍बा और चमेली सरदार सरोवर के डूब क्षेत्रों में अवस्थित हैं। यहां रहने वाले ग्रामीणों का पुनर्वास ककराना गांव में कर दिया गया है, जहां बिजली पहुंच चुकी है। हालांकि, कुछ ग्रामीण एक अन्‍य निकटवर्ती इलाके में चले गए हैं, जो एक ऐसी बस्ती है, जिसका अब तक विद्युतीकरण नहीं हुआ है।

रायसेन जिले में अवस्थित खननपुरा गांव का पहले ही विद्युतीकरण हो चुका है और उससे जुड़े टोले में गहन विद्युतीकरण का कार्य प्रगति पर है। रायसेन जिले में अ‍वस्थित 5 अन्‍य गांव यथा जैतगढ़,बिली, पोंड, रामगढ़ और गोपालपुर दरअसल वनों में स्थित गांव हैं, जहां अवस्थित घरों में सौर ऊर्जा के जरिए बिजली पहुंचाई गई है।

  1. राजस्‍थान

     धोलपुर जिले के सभी बसे हुए राजस्व/जनगणना गांवों का विद्युतीकरण हो जाने की सूचना है। उपर्युक्‍त समाचारों में जिन गांवों के नामों का उल्‍लेख किया गया है, वे राजस्‍व/जनगणना गांव नहीं हैं, बल्कि असल में ढाणी हैं। गोलेकापुरा एवं शंकरपुरा ढाणियों में गहन विद्युतीकरण कार्य पूरे हो चुके हैं और शेष बची ढाणियों यथा घुरइया हेरा, हतियाखर, केहरीकानगला, हरिपुरा और ठाकुरपुरा में गहन विद्युतीकरण कार्य प्रगति पर है।

राजघाट गांव वर्तमान में धोलपुर के नगरपालिका क्षेत्र के अंतर्गत आता है, अत: शहरी क्षेत्रों में स्थित घरों में बिजली की सुविधा है, बशर्ते कि उसका कनेक्‍शन काट न दिया गया हो।

  1. झारखंड

उपर्युक्‍त समाचारों में जिस सपरूम गांव का उल्‍लेख किया गया है, वह एक विद्युतीकृत गांव है, लेकिन वहां लम्‍बे समय से बिजली बाधित है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More