नई दिल्लीः केंद्रीय अभियांत्रिकी सेवा (सड़क) एवं केंद्रीय लोक निर्माण कार्य विभाग के प्रशिक्षु अधिकारियों के अलग अलग समूहों ने एक साथ राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की।
महामहिम राष्ट्रपति ने प्रशिक्षु अधिकारियों को संबांधित करते हुए कहा कि उनकी सेवाएं उन्हें राष्ट्र की सेवा का विशाल मंच उपलब्ध कराती हैं। आप में से सभी वास्तविक रूप से देश की प्रगति एवं विकास की डिजाइन तैयार रहे होंगे। अभियांत्रिकी सेवा परीक्षा में अपनी सफलता का जश्न बनाने का यह प्राथमिक कारण होना चाहिए।
महामहिम राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी अवसंरचना परियोजनाओं के भविष्य के नेताओं के रूप में प्रशिक्षु अधिकारियों को सामजिक चेतना के साथ अभियांत्रिकी का अभ्यास करना चाहिए। उदाहरण के लिए उन्हें अनिवार्य रूप से यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे चाहे जिस भी सार्वजनिक अवसंरचना का निर्माण करते हों-यह चाहे कार्यालय हो, निवास स्थान हो या सड़कें हों-वे हमारे दिव्यांग नागरिकों के लिए अवश्य सुविधाजनक होने चाहिए।
महामहिम राष्ट्रपति ने कहा कि युवा इंजीनियरों के रूप में, वे सभी जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों एवं ऊर्जा दक्षता के प्रभावों से परिचित हैं। उन्हें यह अनिवार्य रूप से यह सुनिश्चित करना चाहिए कि रिहायशी भवन, सड़क या वे चाहे जिस भी सार्वजनिक अवसंरचना का निर्माण करते हैं, वे ऊर्जा किफायती और पर्यावरण अनुकूल हों। महामहिम राष्ट्रपति को यह जान कर प्रसन्नता हुई कि सीपीडब्ल्यूडी ने नेट जीरो ऊर्जा हरित भवनों के निर्माण की दिशा में आरंभिक कदम उठाए हैं।
महामहिम राष्ट्रपति ने कहा कि प्रशिक्षु अधिकारी जिस सेवा में शामिल हुए हैं, वह उन्हें प्रत्येक दिन देश की सेवा करने एवं लाखों नागरिकों के जीवन के संपर्क में रहने का अवसर प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें कभी भी इसके बारे में संदेह हो कि वे देश के लिए क्या कर सकते हैं, तो उन्हें श्री एम विश्वेश्रेया एवं श्री श्रीधरण जैसे दिग्गज टेक्नोक्रैट के बारे में सोचना चाहिए। उन्हीं की तरह प्रशिक्षु अधिकारियों को भी नवोन्मेषण की भावना का विकास करना चाहिए एवं चुनौतियों के बीच समाधान प्रदाताओं के रूप में उभरना चाहिए।