नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त, कॉरपोरेट मामले और रक्षा मंत्री श्री अरुण जेटली मुंबई में ‘दिवाला और दिवालियापन: बदलते प्रतिमान’ विषय पर आयोजित होने वाले राष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि होंगे। श्री जेटली इस अवसर पर उद्घाटन भाषण देंगे। यह एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए), नेशनल फाउंडेशन फॉर कॉरपोरेट गवर्नेंस (एनएफसीजी) और भारतीय दिवाला एवं दिवालियापन बोर्ड (आईबीबीआई) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है। यह सम्मेलन आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य दिवाला एवं दिवालियापन संहिता, 2016 (‘कोड’) की जटिलताओं के बारे में बेहतर समझ विकसित करना, शुरुआती नौ महीनों के दौरान प्राप्त अनुभवों को साझा करना और इसके साथ ही उन चुनौतियों पर चर्चा करना भी है जिनसे पार पाने की सख्त आवश्यकता है। यह सम्मेलन उद्योग जगत के प्रतिनिधियों, प्रोफेशनल्स, नियामकों और अन्य हितधारकों के सबसे बड़े एकत्रित समूहों में से एक होगा जो संहिता के कार्यान्वयन और अनुपालन से जुड़े अपने अनुभवों को साझा करेंगे।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर डॉ. उर्जित पटेल, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन श्री अजय त्यागी और भारतीय दिवाला एवं दिवालियापन बोर्ड (आईबीबीआई) के अध्यक्ष डॉ. एम.एस. साहू भी उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे। राष्ट्रीय कंपनी कानून ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष माननीय न्यायमूर्ति एम. एम. कुमार ने समापन भाषण देने पर अपनी सहमति जता दी है।
उद्घाटन समारोह के बाद ‘ऋणदाता और देनदार परिप्रेक्ष्य- संतुलन बैठाना’ विषय पर एक पैनल परिचर्चा आयोजित की जाएगी जिसमें उद्योग जगत की हस्तियां शिरकत करेंगी। श्री उदय कोटक, कार्यकारी वाइस चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक, कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड, श्री सुनील मेहता, प्रबंध निदेशक एवं सीईओ, पंजाब नेशनल बैंक, श्री अजीत गुलाबचंद, चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक, हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड, श्री हरि शंकरन, वाइस चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक, इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड, श्री विनायक बहुगुणा, सीईओ एवं एमडी, एसेट रिकन्स्ट्रक्शन कंपनी (इंडिया) लिमिटेड और श्री निखिल श्रीवास्तव, निदेशक, केकेआर इंडिया एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड इस पैनल परिचर्चा में भाग लेंगे।
समापन सत्र ‘एनसीएलटी की भूमिका -कैसे यह व्यवहार में काम करता है’ विषय पर है, जो श्री बहराम एन वकील, मैनेजिंग पार्टनर, एजेडबी एंड पार्टनर्स द्वारा संचालित किया जाएगा और जिसमें श्री डैरियस जे खम्बाटा, वरिष्ठ वकील, बंबई उच्च न्यायालय और माननीय एम.के. श्रावत, सदस्य, राष्ट्रीय कंपनी कानून ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) भाग लेंगे। राष्ट्रीय कंपनी कानून ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष माननीय न्यायमूर्ति एम. एम. कुमार ने समापन भाषण देने पर अपनी सहमति जता दी है।
दिवाला एवं दिवालियापन संहिता, 2016 (‘कोड’) सरकार का एक महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार है, जो दिवालियेपन से जुड़ी समस्या के हल के लिए आवश्यक एकीकृत कानूनी ढांचा प्रदान करती है और इसके साथ ही कंपनियों को इससे तेजी से एवं कुशलतापूर्वक बाहर निकलने की रूपरेखा मुहैया कराती है। इस संहिता का उद्देश्य अपनी समयबद्ध प्रक्रियाओं के जरिए दिवालियापन प्रक्रिया के बारे में और अधिक निश्चितता प्रदान करना एवं भारतीय वैधानिक व्यवस्था को दुनिया के कानूनी तौर पर कुछ सर्वाधिक उन्नत अधिकार क्षेत्रों के समतुल्य करना है।
यह संहिता में कॉरपोरेट दिवालियेपन से संबंधित प्रावधानों को शामिल करने के बाद नौवां महीना है। इस संहिता की जटिलताओं के बारे में बेहतर समझ विकसित करने, इन नौ महीनों में प्राप्त किए गए अनुभवों को साझा करने और विभिन्न चुनौतियों पर चर्चा करने के प्रयासों के तहत कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए), नेशनल फाउंडेशन फॉर कॉरपोरेट गवर्नेंस (एनएफसीजी) और भारतीय दिवाला एवं दिवालियापन बोर्ड (आईबीबीआई) द्वारा कल अर्थात 19 अगस्त, 2017 को मुंबई में संयुक्त रूप से ‘दिवाला एवं दिवालियापन : बदलते प्रतिमान’ विषय पर यह एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है।