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केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने कल वाशिंगटन डीसी में विश्व बैंक समूह और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की विकास समिति की समग्र बैठक में भाग लिया

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नई दिल्लीः केंद्रीय वित्त, रक्षा एवं कारपोरेट मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली ने वाशिंगटन डीसी में विकास समिति (डीसी) की समग्र बैठक में भाग लिया। विकास समिति (डीसी) विकास के मुद्दों पर अंतर-सरकारी आम सहमति बनाने के लिए विश्व बैंक समूह और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का मंत्रिस्तरीय मंच है। इस बैठक में विश्व बैंक समूह 2030 के लिए एक विजन – प्रगति और चुनौतियां’ पर विश्व बैंक द्वारा ध्यान केंद्रित करके ‘फॉरवर्ड लुक’ प्रक्रिया अपनाने के लिए विचार-विमर्श सत्र तथा शेयरहोल्डिंग समीक्षा पर प्रगति रिपोर्ट और सभी के लिए एक मजबूत विश्व बैंक समूह पर एक पेपर शामिल हैं। वित्त मंत्री ने 2015 के लीमा रोडमैप के अनुसार, वार्षिक बैठक 2017 तक चुनिंदा पूंजी वृद्धि (एससीआई) सामान्य पूंजी बढ़ोत्तरी (जीसीआई) के बारे में निर्णय लेने के लिए प्रतिबद्धता का नवीकरण करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बैंक को स्पष्ट रूप से अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए इन दोनों के बारे में अधिक ध्यान देने की जरूरत है।

वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्व बैंक की स्प्रिंग बैठकों तथा अन्य कुछ बैठकों में भाग लेने के लिए आजकल वाशिंगटन डीसी के आधिकारिक दौरे पर हैं। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर डॉ उर्जित पटेल, आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव, श्री शक्तिकांत दास और मुख्य आर्थिक सलाहकार, अरविंद सुब्रमण्यन तथा अन्य अधिकारी भी उनके साथ इस दौरे पर गए हैं।

ऐतिहासिक आईडीए 18 उन्होंने कहा पुनरीक्षण पैकेज की उपलब्धि के लिए विश्व बैंक समूह की प्रशांसा करते हुए उन्होंने कहा कि हमें यह विश्वास है कि आईडीए 18 विकास के संसाधन उपलब्ध कराकर दुनिया के गरीब देशों के लोगों के जीवन को बढ़ने के लिए मदद करेगा और उनके उत्थान के लिए अवसरों का सृजन करेगा।

हम महत्वपूर्ण विकास मुद्दों पर निधि और बैंक के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स को सलाह देने के लिए विकास समिति में जनादेश देने की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए एकत्र हुए हैं। इसके अलावा विकासशील देशों में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए अपेक्षित वित्तीय संसाधनों पर भी विचार-विमर्श करना है। इसलिए फॉरवर्ड लुक और शेयरहोल्डिंग समीक्षा का हमारा एजेंडा, विकासशील देशों के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए अपेक्षित वित्तीय संसाधनों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से विचार-विमर्श करने हेतु बहुत ही उचित है कि विश्व बैंक समूह को किस प्रकार मजबूत बनाया जाए।

आज अनेक क्षेत्रों में उस वैश्विक सहमति के बारे में प्रश्न उठाए जा रहे हैं, जिसे हमने विकास, प्रगति, गरीबी, न्यूनीकरण और वैश्विक जनता की उपलब्धियों के लिए वस्तुओं और सेवाओं की नियम-आधारित प्रवाह को संचालित करने वाले बहुपक्षवादवाद का विकास किया है। हमें मिलजुल कर विश्व को धीमी आर्थिक प्रगति, बढ़ती असमानता और बदलती जलवायु, संघर्ष और नाजुकता के चलते गिरावट से विश्व को रोकने की अपनी सहमति को नवीकरण के लिए एक साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। इसलिए मैं इस समग्र सभा का विकास समिति के जनादेश के प्रति पूरी प्रतिबद्धता तथा और सतत विकास लक्ष्यों और अपनी दोहरे लक्ष्यों को प्राप्त करने का आह्वान करता हूं।

वैश्विक अर्थव्यवस्था 2017 में 3.5 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है जो 2018 में थोड़ी बेहतर होकर 3.6 प्रतिशत हो जाएगी। हाल के अनुमान यह पुष्टि करते हैं कि थोड़ी अवधि में वैश्विक बढ़ोत्तरी की इन अनुमानों से कहीं बेहतर होने की संभावना है। दक्षिण एशिया खासकर हमारे क्षेत्र ने अपने वायदे को जारी रखा है। भारत की प्रगति 2017 में 7.1 प्रतिशत और 2018 में 7.5 प्रतिशत होने की संभावना है। बांग्लादेश में क्रमश: यह प्रगति 6.8 प्रतिशत और 6.5 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है। श्रीलंका में 2017-19 की अवधि के दौरान औसत वृद्धि 5.1 प्रतिशत की उम्मीद है। भूटान में औसत वृद्धि दर 11 प्रतिशत होने की उम्मीद है। हम भारत में महत्वपूर्ण सुधारों को जारी रखेंगे और निवेश को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेंगे ताकि यह क्षेत्र निकट भविष्य में इन दरों पर प्रगति कर सके।

भारत की आशावादी वृद्धि दर का श्रेय प्रतिबद्ध राजनीतिक इच्छा, कुशल प्रशासन और आर्थिक सुधारों के सफल कार्यान्वयन को दिया जा सकता है। भारत ने सबसे बड़ी मुद्रा सुधार पहल को सफलतापूर्वक लागू किया है जो भारतीय अर्थव्यवस्था को कम नकदी गति की तरफ ले जाएगी और इससे कर अनुपालन बढ़ेगा और नकली मुद्रा का खतरा कम होगा जो आतंक वित्तपोषण के स्रोत के रूप में कार्य करता है। सरकार ने भारत को एक एकल साझा बाजार बनाने और कर प्रणाली को करों और नियंत्रणों की बहुलता से मुक्त करने के लिए एकल बाजार बनाने के लिए देश में एकीकृत वस्तु एवं सेवाकर सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाए हैं। यह देश का सुधार एजेंडा जारी रखने का एक क्रम है जो निजी पूंजी और उद्यमशीलता की भावना को बढ़ाने में मदद करता है। विशेष एजेंडा मतों के रूप में हम तीन अपडेट/प्रगति रिपोर्टों पर विचार कर रहे हैं जिनमें फॉरवर्ड लुक, शेयरहोल्डिंग रिव्यू, और मजबूत विश्व बैंक समूह की जरूरत शामिल है।

इसमें कोई संदेह नहीं है कि विकासशील देशों को एसडीजी अर्जित करने के लिए बड़े और बढ़ते हुए संसाधनों की आवश्यकता है इसके अलावा हमारे संस्थानों के दोहरे लक्ष्य प्राप्त करने की भी जरूरत है। सभी विकासशील देशों को यह भी जानते हैं कि बड़े घरेलू संसाधनों को जुटाने और देश तथा अंतरराष्ट्रीय निजी क्षेत्र से निवेश वित्त के बेहतर प्रवाह के लिए प्रस्थितियां जुटाने की जरूरत है तभी उनके विकास महत्वकांक्षाएं हासिल की जा सकती हैं। लेकिन इसी दौरान विशेष रूप से विश्व बैंक समूह को पहले की अपेक्षा अधिक मजबूत होने की जरूरत है ताकि इस विकास एजेंडे को वास्तविकता में बदलने की निर्णायक और सार्थक भूमिका निभाई जा सके। इस दिशा में हमने लीमा रोडमैप के एक हिस्से के रूप में शेयरहोल्डिंग समीक्षा की प्रगति रिपोर्ट का भी ध्यान रखा है। मैं आईबीआरडी के मामले में चुनिंदा पूंजी वृद्धि (एससीआई) के लिए अभी तक किए गए कार्यों की सराहना करता हूँ। हमें लीमा रोडमैप के अनुसार वार्षिक बैठक 2017 तक चुनिंदा पूंजी वृद्धि और सामान्य पूंजी बढ़ोत्तरी के निर्णय पर पहुंचने और विचार करने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करना होगा।

मैं फॉरवर्ड लुक के निष्कर्षों से पूरी तरह सहमत हूँ और अब तक किए गए कार्यों और प्रगति को देख रहा हूँ। हमारे क्षेत्र के देश एक बड़ी युवा उभार का सामना कर रहे हैं जो हर साल लाखों रोजगार सृजन की अपेक्षा रखते हैं। हम फॉरवर्ड लुक की प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हैं कि विश्व बैंक समूह नवाचार और उद्यमता को बढ़ावा देगा और कौशल तथा शिक्षा परिणामों को मजबूत बनाकर रोजगार सेवा प्रदान करने के कार्य को मजबूत बनाएगा। हम अपने जनसांख्यिकीय लाभ को वास्तविक जनसांख्यिकीय लाभांश में परिवर्तित करने के लिए डब्ल्यूबीजी के साथ काम करने के लिए उत्सुक हूँ।

एक बड़े बैंक के लिए डब्ल्यूबीजी के विकास में अपने नेतृत्व की भूमिका निभाना पहली शर्त है, हमें भी इसे एक बेहतर बैंक बनाने के लिए कड़ी मेहनत और कल्पनाशीलता को अपनाना चाहिए।  विश्व बैंक विकास ज्ञान के लिए एक वैश्विक भंडार है और विकास परिदृश्य में ज्ञान के अंतराल को भरने के लिए इसका विशिष्ट स्थान है। विकास की चुनौतियां उसका वित्तपोषण और अपेक्षित ज्ञान समर्थन की भयावहता लगातार बदलती रहती है। यह विकास दृष्टिकोण की मांग करता है जो लगातार विकसित हो रहा है और वास्तविक साझेदारी पर आधारित है। हम बैंक को एक कुशल और सक्रिय बैंक समूह में बदलने की आशा करते हैं जो सदस्य देशों की विकास संबंधी जरूरतों में सेवा प्रदान करें और 2030 तक उनके सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करें।

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