नई दिल्ली: केन्द्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान एलएनजी उत्पादक-उपभोक्ता सम्मेलन-2017 में भाग लेने टोक्यो की यात्रा पर हैं। सम्मेलन 17-18 अक्टूबर, 2017 को आयोजित किया गया।
जापान के अर्थव्यवस्था, व्यापार तथा उद्योग मंत्रालय (एमईटीआई) तथा एशिया-प्रशांत ऊर्जा अनुसंधान केन्द्र (एपीईआरसी) द्वारा आयोजित यह सम्मेलन वार्षिक वैश्विक संवाद है और सम्मेलन में वैश्विक एलएनजी बाजार के वर्तमान रूझान को साझा किया जाता है और वैश्विक एलएनजी बाजार विकसित करने के उद्देश्य से अवसरों और चुनौतियों पर विचार किया जाता है।
सम्मेलन में मुख्य भाषण देते हुए श्री प्रधान ने कहा कि वैश्विक एलएनजी बाजार में बदलाव आ रहा है। बाजार में नई आपूर्ति के कारण अधिक आपूर्ति की स्थिति पैदा हो गई है। उन्होंने उत्पादकों और उपभोक्ताओं के सामान हित वाले वैश्विक एलएनजी बाजार से लचीलापन अपनाने का आग्रह किया। इन लचीलापनों में मूल्य समीक्षा, लो या भूगतान करो। एलएनजी ठेकों में गंतव्य प्रतिबंध धारा को समाप्त करना शामिल है। श्री प्रधान ने कहा कि ये सुधार पारदर्शी, सक्षम, वास्तव में वैश्विक और संतुलित एलएनजी बाजार विकसति करने के लिए आवश्यक है।
श्री प्रधान ने जापान के अर्थव्यवस्था व्यापार तथा उद्योग मंत्री श्री हीरोशिजेसेको से द्विपक्षीय वार्ता की। दोनों पक्षों ने हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में जारी सहयोग पर चर्चा की और इस सहयोग को और बढ़ाने के उपायों पर भी विचार-विमर्श किया। दोनों पक्षों ने एलएनजी संसाधन के क्षेत्र में संयुक्त सहयोग की संभावनाओं, एलएनजी संसाधनों को अधिकतम बनाना तथा मिथेन हाइड्रेड के वाणिज्यिक दोहन की संभावना पर भी चर्चा की। श्री प्रधान ने अगले वर्ष अप्रैल में नई दिल्ली में होने वाली 16वीं अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा फोरम (आईईएफ) मंत्री स्तरीय बैठक में शामिल होने के लिए जापान के उद्योग मंत्री श्री सीजेस्को को आमंत्रण दिया। दोनों नेताओं ने तरल, लचीला और वैश्विक एलएनजी बाजार स्थापित करने के बारे में सहयोग के ज्ञापन पर हस्ताक्षर किएं। इस सहयोग ज्ञापन में एलएनजी ठोकों में लचीलापन के लिए सहयोग, गंतव्य प्रतिबंध की धारा की समाप्ति तथा मौके पर तय विश्वसनीय एलएनजी मूल्य स्थापना में सहयोग की संभावना का भी प्रावधान है।
श्री प्रधान ने जापान के स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्री श्री कात्सू नोबो कातो से मुलाकात की और द्विपक्षीय सहयोग के विषयों पर चर्चा की।