नई दिल्लीः केन्द्रीय रेल एवं कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल ने रेलवे के पुनर्विकास कार्यक्रम से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए वास्तुविदों और योजनाकारों से मुलाकात की। इस बैठक में 54 फर्मों (कंपनियों) के कुल 110 पेशेवरों ने भाग लिया। मंत्री जी ने भारतीय रेल की वित्तीय स्थिति और जनता की भुगतान क्षमता को ध्यान में रखते हुए, कम कीमत पर जनता की यात्रा की आकांक्षाओं को पूरा करने वाले समाधान खोजने की आवश्यकता पर बल दिया। श्री पीयूष गोयल ने कहा “हम विशिष्ट भारतीय परिस्थितियों के अनुसार नये समाधान प्रदान करने पर काम करेंगे। मुझे विश्वास है कि हम अंततः दूसरे देशों से भी विशेषज्ञता साझा करने की स्थिति में होंगे”।
वास्तुविदों के साथ संपन्न इस बैठक का उद्देश्य रेलवे स्टेशनों के विकास/पुनर्विकास में आने वाली समस्याओं और कठिनाइयों को समझना था।स्टेशन पुनर्विकास कार्यक्रम की भागीदारी में वास्तुविदों और योजनाकारों के सामने आ रही कठिनाइयों के साथ ही अन्य व्यापक मुद्दों पर चर्चा हुई; स्टेशन डिजाइन के विभिन्न दस्तावेजों में आवश्यक संशोधन; स्टेशन पुनर्विकास कार्यक्रम में सामान्य दिशा-निर्देश को भी लेना होगा। मंत्री श्री गोयल ने प्रतिभागियों को आश्वासन दिया कि जैसा कि आप सबों की इच्छा है उसी अनुसार अन्य श्रेणियों को भी सूची में सम्मिलित किया जाएगा ; साथ ही वास्तुविदों का नाम पट्टिका में शामिल किया जायेगा। मंत्री जी ने आईआरएसडीसी को सलाहकारों की क्षमता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं क्योंकि स्टेशन विकास अभी तक एक नया क्षेत्र है। श्री गोयल ने यह भी कहा कि युवा वास्तुविदों और योजनाकारों को भी स्टेशन विकास कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा और उन्हें छोटे/सरल स्टेशनों पर लगाया जा सकता है।
उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम लिमिटेड (आईआरएसडीसी) नोडल एजेंसी के रूप में पूरे देश में लगभग 600 प्रमुख रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का जिम्मा संभाल रही है।सभी हितधारकों से विचार-विमर्श के बाद भारतीय रेलवे के 635 स्टेशनों के विकास के लिए एक विचार प्रतियोगिता, ‘श्रीजन’ (संयुक्त कार्यवाही के माध्यम से स्टेशन संरक्षण पहल) 26 जनवरी 2018 से माईगोव (MyGov) पोर्टल पर शुरू किया है।इस तरह 1,00,000 करोड़ रुपये के बड़े निवेश का कार्यक्रम शुरू हो जाएगा और इसमें ठेकेदारों तथा डेवलपर्स के अलावा इंजीनियर्स, योजनाकारों, वास्तुविदों एवं अन्य पेशेवरों की व्यापक भागीदारी की भी आवश्यकता है। स्टेशनों के लिए योजना तैयार करने हेतु, आईआरएसडीसी ने कई पहल की है:
- तीन रेलवे स्टेशनों नागपुर, ग्वलियर और बैयप्पनहल्ली के लिए अंतर्राष्ट्रीय डिजाइन प्रतियोगिता
- आईआरएसडीसी ने बहु-अनुशासनात्मक टीमों के साथ अनुभवी सलाहकारों को सूचीबद्ध किया है
- आईआरएसडीसी ने पेशेवरों को एक टोकन शुल्क के साथ रेलवे स्टेशनों के लिए अपने दृष्टिकोण साझा करने हेतु भी आमंत्रित किया है और इसके परिणामस्वरूप, 11 वास्तुविदों ने 74 रेलवे स्टेशनों के विकास के लिए पंजीकृत कराया है।
- आईआरएसडीसी ने एक विचार प्रतियोगिता ‘श्रीजन’ (संयुक्त कार्यवाही के माध्यम से स्टेशन संरक्षण पहल) की शुरूआत की है जहां स्टेशन क्षेत्रों में “कम लागत वाली उच्च दृश्यता” वस्तुओं को लागू करने के लिए उपयोगकर्ता और युवा सोच को अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए आमंत्रित किया है। इसके तहत अब तक लगभग 450 प्रविष्टियां प्राप्त हुई हैं।
इस प्रतियोगिता में प्रविष्टियां जमा करने की अंतिम तारीख 26 मार्च 2018 है। विजेताओं को प्रमाणपत्र दिया जायेगा और योग्य विचार (आइडिया) को डिजाइन में सम्मिलित किया जायेगा। आईआरएसडीसी ने माईगोव (MyGov) पोर्टल के जरिए आईआरएसडीसी के लोगो और टैगलाइन के लिए भी प्रतियोगिता की शुरूआत की है। लोगो प्रतियोगिता के विजेता को 75,000 रुपये का नकद पुरस्कार मिलेगा और टैगलाइन के लिए भी 75,000 रुपये मिलेगा। प्रविष्टियां जमा करने की अंतिम तिथि 26 मार्च 2018 है।