नयी दिल्ली: केन्द्र सरकार ने वीजा के प्रारूप को पुन:संशोधन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने आज लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।
रिजिजू ने कहा कि इस कवायद का मकसद वीजा आवेदकों के आपराधिक विवरण का पता लगाना है। उन्होंने कहा कि मौजूदा व्यवस्था में वीजा फॉर्म में आवेदक के खिलाफ आपराधिक मामले की जानकारी देने का विकल्प नहीं है।
रिजिजू ने कहा कि सरकार ने वीजा आवेदन फॉर्म को पुनर्संशोधित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिससे आवदेकों के खिलाफ बाल शोषण सहित अन्य आपराधिक मामलों का विवरण इसमें दर्ज किया जा सके। हालांकि वीजा नियमों के तहत किसी आपराधिक मामले में दोषी ठहराये गये व्यक्ति को भारत में प्रवेश की अनुमित नहीं है।
इस दौरान एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने बताया कि गवाहों की पहचान और सुरक्षा को लेकर विशेष कार्यक्रम शुरू करने के मामले में राज्यों के साथ फिलहाल कोई सहमति नहीं बन सकी है। उन्होंने कहा कि विधि आयोग ने अपनी 198वीं रिपोर्ट में गवाहों की पहचान सुरक्षित करने और गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये विशेष कार्यक्रम शुरु करने की सिफारिश की थी। इसके अनुपालन में सभी राज्य सरकारों के समक्ष एक प्रश्नावलि और विधेयक का मसौदा विचारार्थ भेजा जा चुका है।
अहीर ने कहा कि इस मुद्दे पर राज्यों के साथ सहमित नहीं बन पाने के कारण तीन नवंबर 2016 को यह मामला पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के सुपुर्द कर दिया गया है।