नई दिल्लीः केन्द्रीय सिंचाई और ऊर्जा बोर्ड (सीबीआईपी) ने केन्द्रीय जल आयोग को बड़े जलाशयों के संरक्षण व सुरक्षा में उत्कृष्ट योगदान के लिए सीबीआईपी विशेष मान्यता पुरस्कार-2018 प्रदान किया। केन्द्रीय जल आयोग, आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए सिंचाई प्रबंधन व नालियों के रखरखाव, जल संसाधन प्रबंधन, बाढ़ सुरक्षा, आपदा प्रबंधन आदि कार्य करता है। यह विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित जलाशय पुनर्वास व विकास परियोजना (डीआरआईपी, ड्रिप) के अंतर्गत कार्य करता है। केन्द्रीय जल आयोग के अध्यक्ष श्री एस.एम. हुसैन ने सीबीआईपी स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर कल यहां पुरस्कार ग्रहण किया।
ड्रिप परियोजना के अंतर्गत 3,200 जलाशय पेशेवरों को जलाशय संरक्षा के विभिन्न आयामों के लिए प्रशिक्षण दिया गया। दक्षिण भारत के भूकंप जोखिम आकलन के लिए आईआईटी, रूड़की के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया है। पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के क्षेत्रों में भूकंप जोखिम आकलन के लिए सीडब्ल्यूपीआरएस, पुणे के साथ समझौता ज्ञापन अपने अंतिम चरण में है।
उत्तराखंड स्थित इछारी डैम में भूकंपीय घटनाओं के पश्चात् जापान वॉटर एजेंसी के सहयोग से डैम के फील्ड इंजीनियरों के लिए एक निगरानी नियमावली विकसित की गई है। जलाशयों के लिए आकस्मिक कार्य योजना के लिए दिशा-निर्देश जारी किये गये है। पांच अन्य दिशा-निर्देश भी जारी किये गये हैं – जलाशयों के संचालन और रखरखाव के लिए नियमावली, जलाशयों से जुड़े बाढ़ जोखिम के मानचित्रण के लिए नियमावली, जलाशयों के संरक्षा निरीक्षण की नियमावली, बड़े जलाशयों के पुनर्वास की नियमावली तथा बड़े जलाशयों के यंत्र विन्यास की नियमावली।