नई दिल्ली: केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल (कैट) के नए अध्यक्ष जस्टिस एल नरसिम्हा रेड्डी ने आज यहां पूर्वोत्तर क्षेत्रीय विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पीएमओ, कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह से मिले और कैट के कामकाज से लेकर ट्रिब्यूनल में मौजूदा खाली पड़े पदों पर नियुक्ति जैसे कई मुद्दों पर चर्चा की।
डॉ जितेंद्र सिंह ने उम्मीद जताई कि जस्टिस नरसिम्हा रेड्डी अपने विशाल अनुभव और प्रतिबद्धता से कैट के कामकाज और उसकी क्षमता को और मजबूत करने में सफल होंगे। उन्होंने बताया कि जस्टिस रेड्डी को हैदराबाद हाईकोर्ट में बतौर न्यायाधीश काम करने का लंबा अनुभव है और वे पटना हाईकोर्ट में भी अपनी सेवा दे चुके हैं।
कैट को भारत सरकार का एक अहम हिस्सा बताते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने बताया कि इसका गठन 1985 में किया गया था और इसकी स्थापना के पीछे भारत सरकार में काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को अपनी शिकायतों और विवादों को लेकर अपनी समस्याएं दर्ज कराना और उन्हें अदालतों का चक्कर लगाए बिना समाधान दिलाना मुख्य उद्देश्य था। उन्होंने कहा कि सरकार कैट में देशभर में खाली पड़े पदों को तुरंत भरने की जरूरत के प्रति सचेत है और इसके लिए उचित प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह से मुलाकात के बाद जस्टिस नरसिम्हा रेड्डी ने बताया कि कैट में लंबित मामलों को सुलटाना उनकी प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि प्रशासन में काम कर रहे अधिकारियों और सदस्यों को संतोषजनक न्याय दिलाने के लिए वह पूरी कोशिश करेंगे।