तीन साल पहले निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए एक ही परीक्षा की सरल सोच के साथ इसकी शुरुआत हुई थी। सिर्फ तीन साल बाद 150 संस्थाएं और 25 विश्वविद्यालय कॉमेड के और यूनि-गॉज परीक्षा के स्कोर स्वीकार कर रहे हैं और 125000 छात्र ऑनलाइन परीक्षा दे रहे हैं। आज कॉमेड के-यूनि-गॉज भारत में दूसरी सबसे बड़ी बहु-विश्वविद्यालय निजी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा बन गई है। तीन सालों में 140 शहरों और 400 टेस्ट सेंटरों पर ये परीक्षा हो रही है।
ईआरए फाउंडेशन के सीईओ पी मुरलीधर ने कहा, “कम से कम 50,000 इंजीनियरिंग सीटों के लिए न्यूनतम 100 निजी विश्वविद्यालय और 300 कॉलेजों के लिए एकसमान भरोसेमंद, भेदभावरहित, प्रवेश परीक्षा, 2020 के लिए हमारा लक्ष्य है। इसका फायदा ये है कि छात्रों को कम से टेस्ट देने होंगे।”
इस साल कॉमेड यूगेट और यूनि-गॉज ई-एंट्रेंस परीक्षा 13 मई 2018को होगी। इस संयुक्त परीक्षा के जरिए इंजीनियरिंग के बीई/बी.टेक पाठ्यक्रम में प्रवेश दिए जाएंगे। देश भर में 150 शहरों में के 375 टेस्ट सेंटरों पर परीक्षा होगी।
इंजीनियरिंग की शिक्षा के क्षेत्र में कर्नाटक अग्रणी रहा है और कॉमेडके राज्य के सभी निजी कॉलेजों को एक समान प्लेटफॉर्म पर लाने में कामयाब रहा है। कॉमेडके संस्थान पिछले 13 सालों से इंजीनियरिंग की पढ़ाई को बढ़ावा दे रहा है। कॉमेडके के एक्जिक्यूटिव सेक्रेटरी डॉक्टर कुमार ने बताया कि इस साल सहभागी कॉलेजों ने योग्य छात्रों के लिए स्कॉलरशिप का एलान भी किया है।
देश के निजी और डीम्ड विश्वविद्यालय इस साल बीई/बीटेक पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए इस साल कॉमेड के और यूनि-गॉज परीक्षा का स्कोर स्वीकार करेंगी। कॉमेड के और यूनि-गॉज से जुड़े प्रतिष्ठित निजी विश्वविद्यालयों में दिलचस्पी रखने वाले छात्र प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं।
आवेदकों को 19 अप्रैल या उससे पहले www.unigauge.com पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
आवेदन और परीक्षा की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। छात्रों के लिए आवेदन और ऑनलाइन परीक्षा की पूरी जानकारी www.unigauge.com पर उपलब्ध है। छात्रों को कॉमेडके और यूनि-गॉज परीक्षा के स्कोर कार्ड के साथ विश्वविद्यालय में अलग से आवेदन करना होगा। बारहवी या समतुल्य परीक्षा पास करने वाले या इसकी परीक्षा दे रहे छात्र ही एआईसीटीई के मुताबिक प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के योग्य हैं।