लखनऊ: उत्तर प्रदेश के खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री सत्यदेव पचैरी ने कहा है कि राज्य सरकार खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए अत्याधुनिक टेक्नालाजी के अपनाने पर विशेष बल दे रही है। इसके लिए उद्यमियों को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करने की व्यवस्था की जा रही है, जिससे उत्तर प्रदेश के खादी परिधान तथा ग्रामोद्योग उत्पादों की अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में अपनी विशिष्ट पहचान बना सकें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सोलर चर्खें से निर्मित होने वाली खादी को रिबेट देने का निर्णय लिया है।
श्री पचैरी आज स्थानीय गांधी निधि भवन सभागार में राज्य/मण्डल स्तरीय खादी एवं ग्रामोद्योग पुरस्कार वितरण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर खादी एवं ग्रामोद्योग के उच्च कोटि के उत्पादों एवं उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले राज्य स्तर के तीन तथा 18 मण्डलों के 54 उद्यमियों को पुरस्कृत किया। इसमें राज्य स्तर पर रामपुर जनपद की कु0 नगमा को प्रथम पुरस्कार, द्वितीय पुरस्कार चित्रकूट के श्री बृजेश कुमार त्रिपाठी को तथा तृतीय पुरस्कार आगरा के श्री अजय सोनी को प्रदान कर सम्मानित किया गया। प्रथम पुरस्कार के रूप में 20 हजार रुपये, द्वितीय पुरस्कार के रूप मंे 15 हजार तथा तृतीय पुरस्कार के रूप में 10 हजार रुपये की धनराशि तथा प्रशस्तिपत्र प्रदान किया गया।
खादी ग्रामोद्योग मंत्री ने कहा कि ग्रामीण अंचलों में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने एवं व्यापक स्तर पर रोजगार मुहैया कराने के लिए प्रत्येक खादी ग्रामोद्योग समितियों को 25-25 सोलर चर्खे उपलब्ध कराये जायेंगे। उन्होंने कहा कि खादी एवं ग्रामोद्योग ही एक ऐसा क्षेत्र है जिसके माध्यम से रोजगार के व्यापक अवसर सृजित किये जा सकते हैं। इसीलिए स्वारोजगार कार्यक्रम को व्यापक स्तर पर संचालित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने जब खादी की बात शुरू की थी, तो उनके सामने लोगों को स्वावलम्बी बनाने के साथ ही आर्थिक आजादी का लक्ष्य था। उनका मानना था कि खादी के वस्त्रों एवं उत्पादों अधिक से अधिक उपयोग कर गांव के लोगों को रोजगार के साधन मुहैया किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि खादी बोर्ड ने संकल्प लिया है कि उत्तर प्रदेश के खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों को नई पहचान दिलाई जाय। इसके लिए बोर्ड द्वारा उद्यमियों को अत्याधुनिक तकनीकि से परिचित कराने और प्रशिक्षित करने के लिए कदम उठाए गये हैं।
झारखण्ड खादी ग्रामोद्योग के पूर्व अध्यक्ष श्री जय नन्दू ने अपने सम्बोधन में खादी एवं ग्रामोद्योग के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में खादी की बीमार इकाईयों को पुनर्जीवित करने के लिए प्रदेश सरकार ने पहल की है। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिवेश में सोलर चर्खा एक क्रांतिकारी कदम है और इसका व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
प्रमुख सचिव, खादी एवं ग्रामोद्योग श्री नवनीत सहगल ने कहा कि खादी एवं ग्रामोद्योग के क्षेत्र में नये उद्यमियों को तैयार करने के प्रदेश सरकार पूरी तरह संवेदनशील है। सरकार का प्रयास है कि इसके माध्यम से ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराये जायं। इसके लिए खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड हर सम्भव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि जो लाभ बड़े उद्योगों मिलता है, उसी प्रकार खादी एवं ग्रामोद्योग उद्यमियों को भी लाभान्वित किया जा रहा है। उन्हांेने कहा कि प्रदेश सरकार ने खादी एवं ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने के लिए पहली बार खादी एवं ग्रामोद्योग नीति लागू की है। उद्यमियों को इसका लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में खादी परिधानों की सबसे ज्यादा बिक्री होती है, लेकिन बिक्री के हिसाब से इनका उत्पादन नहीं हो पाता है। खादी बोर्ड न इस ओर अब विशेष ध्यान केन्द्रित किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार खादी एवं ग्रामोद्योग के विकास के लिए हर सम्भव मदद एवं सहयोग प्रदान करेगी।
उ0प्र0 खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री अविनाश कृष्ण सिंह ने बताया कि प्रदेश के अच्छे उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य/मण्डल स्तरीय पुरस्कार योजना शुरू की गई है। जिससे अच्छे उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के साथ भविष्य के उद्यमियों को आकर्षित किया जा सके तथा कमजोर वर्गों को रोजगार स्थापित करने के लिए प्रेरित किया जा सके।