लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि गेहूं क्रय केन्द्र 01 अप्रैल, 2017 से काम करना शुरू कर देंगे। उन्होंने सांसदों तथा विधायकों से अपने-अपने क्षेत्रों के गेहूं खरीद केन्द्रों का अनुश्रवण करने की अपेक्षा भी की है ताकि इस सम्बन्ध में राज्य सरकार के निर्देशों के अनुपालन का फीडबैक मिल सके।
यह जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने आगाह किया है कि किसानों के हितों से खिलवाड़ करने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती। इसलिए जिस क्रय केन्द्र पर लापरवाही की सूचना प्राप्त होगी, उनके प्रभारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पिछली राज्य सरकार के समय में गेहूं की खरीद बिचैलियों के माध्यम से की गई थी। उन्होंने स्पष्ट किया है कि वर्तमान राज्य सरकार किसी भी हालत में बिचैलियों से गेहूं खरीद की इजाजत नहीं दे सकती। सभी क्रय केन्द्रों पर सीधे किसानों से गेहूं खरीद की व्यवस्था की गई है। किसानों की पहचान एवं कृषि क्षेत्रफल की जानकारी के लिए उनके आधार नम्बर तथा किसान बही की मदद ली जाएगी। इसके साथ ही समर्थन मूल्य की धनराशि सीधे किसान के बैंक खाते में प्रेषित की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि सभी क्रय केन्द्रों पर किसानों की सुविधा के लिए नापतौल की मुकम्मल एवं विश्वसनीय व्यवस्था के अलावा किसानों के लिए छाया एवं पीने के पानी तथा जन सुविधाओं की व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। वर्तमान राज्य सरकार किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलवाकर उनकी आर्थिक सम्पन्नता सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हर सम्भव प्रयास करेगी।