उत्तर प्रदेश के गोरखपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव की सुबह से शुरू हुई मतगणना पर आखिरकार विराम लग गया। भाजपा की जीत के सारे दावे उस वक्त खोखले साबित हुए जब समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार प्रवीण निषाद ने भाजपा प्रत्याशी उपेंद्र दत्त शुक्ला को भारी मतों से पराजित कर दिया। समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी की जीत से पूरे प्रदेश के सपाइयों में खुशी की लहर दौड़ गई है। सपाई एक दूसरे को मिठाई खिलाकर ढोल नगाड़े बजाकर एक दूसरे को जीत की बधाई दे रहे हैं। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रवीण को जीत की बधाई दी है। वहीं फूलपुर में सपा के प्रत्याशी नागेंद्र सिंह पटेल ने जीत दर्ज कर भाजपा प्रत्याशी को परास्त किया है।
सपा-बसपा कार्यालय पर जश्न, भाजपा के दफ्तर में सन्नाटा
सुबह का सूरज जैसे-जैसे चढ़ रहा था वैसे-वैसे सपा व बसपा कार्यकताओं के चेहरे खिल रहे थे। भारी जीत को ओर तेजी से बढ़त हासिल कर रही सपा की जीत सुनते ही पार्टी कार्यकर्ता जश्न में डूब गए और लखनऊ में पार्टी कार्यालय से लेकर पूरे यूपी में जगह-जगह कार्यकर्ताओं ने पटाखे दागे तथा एक दूसरे के गले में फूल माला डालकर खुशी का इजहार किया। जबकि भाजपा कार्यालय पर पसरा रहा सन्नाटा गोरखपुर सदर व फूलपुर लोकसभा के उपचुनाव में तय था कि पूर्व की तरह भाजपा के अलावा किसी अन्य दल की इस बार भी नहीं चलेगी, लेकिन ठीक इसके उल्टा हुआ। दोनों सीटों से भारी जीत दर्ज कर समाजवादी पार्टी के पक्ष में जिस तरह से परिणाम सामने आए हैं, उससे सत्ता के गलियारें में रहकर बड़े-बड़े राजनीतिक धुरधरों के पेशानी पर बल साफ दिखाई पड़ रहे हैं।
पांच बार योगी सांसद रहे लेकिन इस बाद भाजपा को झटका
सबसे अहम बात यह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पांच बार गोरखपुर से सांसद रहे, लेकिन इस बार तस्वीर बिल्कुल बदल गई। यहां न तो उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या की अपील अपना असर दिखा पाई और न ही योगी का जादू चला। फूलपुर लोकसभा की सीट हासिल करने के लिए भाजपा के कई बड़े नेता करीब 15 दिनों से डेरा डाले रहे और उन्हें यह नहीं मालूम था कि वे जमीन पर लेटे हैं या फिर बेड पर वे भाजपा प्रत्याशी कौशलेंद्र पटेल व उपेन्द्र दत्त शुक्ला को जिताने के लिए हर कोशिश की लेकिन सपा के दोनों प्रत्याशियों प्रवीण निषाद व नागेन्द्र सिंह पटेल के आगे नाकाम होकर रह गई।
उम्मीद की साईकिल को खींच ले गया हाथी
सपा की उम्मीद की साईकिल को तेजी से बसपा का हाथी खींच ले गया और सभी टकटकी लगाए देखते रह गए। पांच बार गोरखपुर की सीटों पर अपना परचम लहराने वाली भाजपा इस लोकसभा उपचुनाव में पूरी तरह से सूपड़ा ही साफ हो गया। बता दें कि पिछले पांच बार से लोकसभा चुनाव में गोरखपुर की सीटों पर भाजपा ने अपनी जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार बुआ-बबूआ ने मिलकर गच्चा देते हुए सीटें झटक ली हैं।