टीम इंडिया के भरोसेमंद बल्लेबाज़ चेतेश्वर पुजारा आज भारतीय टेस्ट टीम के अहम खिलाड़ियों में से एक हैं। पुजारा को इस मुकाम तक पहुंचाने में उनके पिता अरविंद पुजारा का बहुत बड़ा हाथ रहा है। आपको बता दें अरविंद पुजारा सौराष्ट्र के लिए रणजी खेल चुके हैं। अपने पिता के योगदान के बारे में बात करते हुए चेतेश्वर ने कहा “मेरे पिता हमेशा मेरे सर्वश्रेष्ठ और खराब आलोचक रहे हैं। कभी कभार वह काफी आलोचना करते हैं लेकिन अब हमारी आपसी समझ ऐसी हो गयी है जिसमें हम हमेशा बातचीत के बाद निष्कर्ष पर पहुंच जाते हैं और अब वह इतने ज्यादा सख्त नहीं हैं।’’
श्रीलंका के खिलाफ अगला टेस्ट मुक़ाबला पुजारा के टेस्ट करियर का 50वां मैच होने वाला वाला है। अपने 50वें टेस्ट मैच के बारे में बात करते हुए पुजारा ने कहा “अभी तक का सफर शानदार रहा है। देश के लिये 50वें टेस्ट मैच में खेलना मेरे लिये गर्व का क्षण है। हां, इसमें उतार चढ़ाव रहे हैं लेकिन हाल की अच्छी फार्म को देखते हुए मैं इस टेस्ट में कुछ रन जुटाने के लिये प्रतिबद्ध हूं।”
अपने करियर के शुरूआती दौर में पुजारा को चोट ने काफी परेशान किया था जिसके कारण उन्हें क्रिकेट से दूर भी रहना पड़ा था। इस पर उन्होंने कहा, “चोटिल होना मेरे करियर का सबसे चुनौतीपूर्ण समय रहा। मैं घुटने की चोट के कारण छह महीने तक मैदान से बाहर रहा और फिर दोबारा 2011 में मैं फिर छह महीने के लिये बाहर हो गया। मैं पूरे साल नहीं खेल सका, जो मेरे लिये काफी कठिन था।” पुजारा ने आगे कहा, “जब आप चोटिल होते हो तो आपको दोबारा से लय में आने की जरूरत होती है। चोट मेरे करियर का सबसे कठिन हिस्सा थी लेकिन अब मैं इससे बाहर निकल गया हूं और अपनी फिटनेस पर काम कर रहा हूं।”
आपको बता दें पुजारा ने अब तक खेले 49 टेस्ट मैचों में 52.18 की औसत और 12 शतक सहित 3,966 रन बनाए हैं। श्रीलंका के खिलाफ गॉल टेस्ट में उन्होंने शतकीय पारी खेली थी।