केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री, कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह स्वच्छता कार्य योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा करने के लिए आज प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) परिसर गए। डीएआरपीजी तथा पेंशन और पेंशन भोगी कल्याण विभाग द्वारा 16 से 30 जून, 2017 तक स्वच्छता पखवाड़ा मनाया जा रहा है।
इस अवसर पर डॉ. जितेन्द्र सिंह ने इस पखवाड़े के दौरान विभिन्न स्वच्छता गतिविधियां चलाने के लिए दोनों विभागों की सराहना की और इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि दो विभाग एक टीम के रूप में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सबको स्वच्छ रहने की आदत बनानी चाहिए और प्रत्येक व्यक्ति को अपने आस-पास का वातावरण स्वच्छ रखने के लिए उत्तरदायी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि डीएआरपीजी द्वारा उठाये गये कदमों से 25 मंत्रालय/ विभाग इस महीने के अंत तक ई-ऑफिस में बदल जायेंगे। उन्होंने कहा कि ई-फाइलों की संख्या में 6,000 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष की 8000 ई-फाइलों की तुलना में 2017 में 4,62,000 ई-फाइलें तैयार की गईं।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दिशा-निर्देश के अंतर्गत विभाग जन साधारण को अधिकतम शासन प्रदान करने के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में हितधारकों की भागीदारी कई गुना बढ़ने से सिविल सेवा दिवस में शामिल प्रक्रिया डीएआरपीजी द्वारा पूरी तरह बदल दी गई है। उन्होंने कहा कि डीएआरपीजी को भारत सरकार के मानव संसाधन विभाग के रूप में देखा जाता है। सभी अच्छे कार्य की शुरुआत इसी विभाग से होती है। उन्होंने बताया कि हाल में मंत्रिमंडल द्वारा लोक प्रशासन और शासन सुधार के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और पुर्तगाल के बीच सहमति ज्ञापन को स्वीकृति दी गई। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने केन्द्रीयकृत लोक शिकायत समाधान और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) के अंतर्गत 100 प्रतिशत शिकायतों के निवारण पर खुशी व्यक्त की। सीपीजीआरएएमएस के अंतर्गत प्राप्त फीडबैक के अनुसार 50 प्रतिशत शिकायत समाधान संतोषजनक रहा।
डीएआरपीजी के सचिव श्री सी विश्वनाथ ने कहा कि आधुनिकीकरण और स्वच्छता साथ-साथ चलते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में डीएआरपीजी को आधुनिक बनाने के लिए दोगुना धन आवंटित किया गया है। उन्होंने कहा कि विभाग ने रिकॉर्डों के डिजिटीकरण के साथ 100 प्रतिशत ई-ऑफिस को लागू किया है। उन्होंने कहा कि 58 केन्द्रीय मंत्रालयों, विभागों तथा 33 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों ने शपथ पत्र तथा सत्यापन की व्यवस्था को समाप्त कर दिया है। उन्होंने स्वच्छता पखवाड़े के दौरान चलाई गई गतिविधियों की चर्चा भी की।
डीएआरपीजी रिकॉडिंग समीक्षा तथा पुराने रिकॉडों की समाप्ति, रिकॉडों का डिजिटीकरण और पुरानी बेकार पड़ी सामग्रियों के निष्पादन जैसी अनेक गतिविधियां चला रहा है। स्वच्छ भारत थीम पर पोस्टर/स्लोगन प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। इस अवसर पर डीएआरपीजी तथा पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।