देहरादून: जे.डी. पावर 2017 इंडिया के इनिशियल क्वालिटी स्टडी (आईक्यूइएस) के नवीनतम परिणाम बताते हैं कि फॉक्सवैगन ने सभी सेगमेंट्स में सर्वोच्च अंक प्राप्त करना जारी रखा है। प्रीमियम कॉम्पैक्ट सेगमेंट में फॉक्सवैगन पोलो ने 2017 के लिए सर्वोच्च रैंक हासिल किया है। जबकि फॉक्सवैगन वेंटो मिडसाइज सेगमेंट में अब तीसरे स्थान पर आ गई है। 2016 में यह चौथे स्थान पर थी।
फॉक्सवैगन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रेसिडेंट और प्रबंध निदेशक डॉ. एंड्रियास लॉरमन ने कहा, ”यह फॉक्सवैगन इंडिया के लिए एक गर्व का क्षण है, क्योंकि पोलो ने एक बार फिर प्रीमियम कॉम्पैक्ट सेगमेंट में जे.डी.पावर इनिशियल क्वालिटी स्टडीज में शीर्ष स्थान हासिल किया है। पोलो की सफलता के साथ, वेंटो ने भी अच्छी रैंकिंग हासिल की है।” उन्होंने आगे कहा, ”यह परिणाम भारतीय बाजार के लिए उच्च गुणवत्ता, उच्च मानक उत्पादों को बनाने की हमारी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है।”
इन परिणामों पर टिप्पणी करते हुए फॉक्सवैगन पैसेंजर कार्स के निदेशक स्टीफन नैप ने कहा, ”फॉक्सवैगन हमेशा से अनुकरणीय गुणवत्ता मानकों का पर्याय रहा है और जेडी पावर से दोनों रैंकिंग यह दर्शाती है कि ग्राहक की चाहत के लिहाज से निर्माण और प्रचार हमारा दृष्टिकोण है। उपभोक्ताओं के बीच जेडी पावर की विश्वसनीयता और अखंडता जबरदस्त है और 2017 में पोलो के लिए सर्वोच्च रैंकिंग बनाए रखने में हम बहुत गर्व महसूस करते हैं। हम उन सभी ग्राहकों को विनम्रतापूर्वक धन्यवाद देना चाहते हैं, जिन्होंने पोलो और वेंटो दोनों को चुना और ब्रांड में अपना विश्वास लगातार बनाए रखा।”
फॉक्सवैगन पोलो को भारत में 2010 में लॉन्च किया गया था। आईक्यूएस के तहत इसने छह श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। इनमें फीचर्स/ नियंत्रण/ डिस्प्लेज, ऑडियो/ मनोरंजन/ नैविगेशन, सीटें, एचवीएसी, वाहन इंटीरियर और इंजन / ट्रांसमिशन शामिल हैं।
साल 2017 का इंडिया इनिशियल क्वालिटी स्टडी (आईक्यूएस) 8,500 से अधिक नए वाहन मालिकों की प्रतिक्रियाओं पर आधारित है, जिन्होंने नवंबर2016 से जुलाई 2017 के बीच अपना वाहन खरीदा था। भारत में 40 शहरों में मई से सितंबर 2017 तक इसका अध्ययन किया गया। अध्ययन ने नए वाहन मालिकों द्वारा स्वामित्व के पहले दो से छह महीनों के दौरान अनुभव की गई समस्याओं का अध्ययन किया है और आठ समस्या श्रेणियों (रिपोर्ट की गई समस्याओं की तीव्रता के अनुसार सूचीबद्ध) में 200 से अधिक समस्या के लक्षणों की जांच की हैं।
इनमें इंजन/ ट्रांसमिशन; हीटिंग, वेंटिलेशन और कूलिंग (एचवीएसी); ड्राइविंग अनुभव; वाहनएक्सटीरियर; विशेषताएं, नियंत्रण और प्रदर्शन; वाहन इंटीरियर; ऑडियो, मनोरंजन और नैविगेशन (एईएन); व सीटें शामिल हैं।
फॉक्सवैगन पोलो को अपने ग्राहकों द्वारा केवल 69 पीपी100 (प्रति 100 कारें समस्याएं) के साथ रिपोर्ट किया गया था, जो इस सेंगमेंट और उद्योग की औसत 95 पीपी100 से काफी कम था। फॉक्सवैगन वेंटो को 73 पीपी100 के साथ दर्ज किया गया था, जबकि इसके सेगमेंट का औसत 83 पीपी100 था।
फॉक्सवैगन ग्रुप इंडिया के विषय में:
भारत में फॉक्सवैगन समूह का प्रतिनिधित्व पांच यात्री कार ब्रांडों द्वारा किया जाता है: ऑडी, लेम्बोर्गिनी, पॉर्शे, स्कोडा, और फॉक्सवैगन। फॉक्सवैगन समूह पिछले 15 सालों से भारत में मौजूद है। 2001 में इसकी यात्रा की शुरुआत स्कोडा ब्रांड के प्रवेश के साथ हुई थी। ऑडी और फॉक्सवैगन ने 2007 में भारत में प्रवेश किया था, जबकि पोर्शे और लेम्बोर्गिनी 2012 में शामिल हुए थे। इनमें से हर ब्रांड का अपना चरित्र है और बाजार में एक स्वतंत्र इकाई के रूप में काम करता है। फॉक्सवैगन समूह के भारत में लगभग 30 मॉडल हैं, लगभग 240 डीलरशिप हैं और यह पुणे और औरंगाबाद में दो प्लांट्स का संचालन करता है। पुणे प्लांट की हर साल 200,000 कारों (तीन-शिफ्ट सिस्टम में अधिकतम) की विनिर्माण क्षमता है और वर्तमान में यह फॉक्सवैगन पोलो, एमियो, वेंटो और स्कोडा रैपिड का निर्माण कर रहा है।
औरंगाबाद प्लांट ने भारत में ऑडी, स्कोडा और फॉक्सवैगन के विभिन्न प्रीमियम और लग्जरी मॉडल के पुर्जों को एकत्र कर एसेंबल किया जाता है और इसकी वार्षिक अधिकतम क्षमता लगभग89,000 है। फॉक्सवैगन ग्रुप इंडिया फॉक्सवैगन एजी का हिस्सा है, जो दुनियाभर में 13 ब्रांडों ऑडी, बेंटले, बुगाटी, डुकाटी, लेम्बोर्गिनी, पोर्शे, स्कैनिया, सीट, स्कोडा, फॉक्सवैगन वाणिज्यिक वाहन, एमएएन, फॉक्सवैगन पैसेंजर कारों और एमओआईए का प्रतिनिधित्व करता है।