लखनऊ: खाद्य प्रसंस्करण उद्योग तेजी से बढ़ता हुआ उद्योग है जिसमें रोजगार की अपार सम्भावनायें हैं ये बात केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल नेे इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान लखनऊ में आयोजित इन्वेस्टर समिट के दौरान अपने उद्बोधन में कही। उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए कच्चा माल का उत्पादन किसान करता है, जिसके माध्यम से अनेक प्रकार की खाद्य प्रसंस्करण इकाई संचालित होती है तथा लाखों लोगों के लिए रोजगार सृजन होता है इसलिए भारत सरकार ने किसानों के लिए कल्याणकारी योजनाएं संचालित कर किसानों की आय को दोगुना करने के लिए प्रयासरत है। उन्होने इन्वेस्टर्स समिट में आए उद्यमियों का आह्वान किया कि वे खुले दिल से खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में अपनी यूनिट स्थापित करें। भारत सरकार 5000 करोड़ तक की सब्सिडी देने के लिए तैयार है।
श्रीमती कौर ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण का बजट दोगुना किया गया है तथा 6000 करोड़ रुपये का प्राविधान प्रधानमंत्री किसानसंपदा योजना के लिए दिए गए है ताकि उद्यम स्थापित करने वाले कृषकों तथा उद्यमियों को सब्सिडी दी जा सके। उन्होंने कहा कि फूड पार्क की स्थापना के लिए सरकार हर सम्भव मदद देगी। उन्होंने उद्यमियों तथा प्रदेश सरकार से अपील की कि एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर अधिक से अधिक स्थापित हों ऐसे प्रयास होना चाहिए।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा हमारी सरकार ने उत्तर प्रदेश को बदलने का काम शुरु कर दिया है। उन्होंने सरकार की ओर से इन्वेस्टर्स समिट मे आए देश-विदेश तथा प्रदेश के उद्यमियों को आश्वस्त किया कि वे निर्भीक होकर प्रदेश में उद्यम लगाएं। श्री मौर्य ने कहा कि हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि उद्यम स्थापना में किसी प्रकार की समस्या नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि उद्यम स्थापना कार्य का शिलान्यास एवं लोकार्पण दोनों हमारी सरकार करेगी।
श्री मौर्य ने कहा कि सड़क, सुरक्षा, विद्युत तथा पानी सभी हमारे प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में है तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए कच्चे माल की कोई कमी नहीं है। अतः सभी उद्यमी निर्भीक होकर प्रदेश में इन्वेस्ट करें। हमारी प्राथमिकता किसान है यदि आप उद्योग लगाते है तो किसानो को फायदा होगा तथा प्रदेश में युवाओं को रोजगार मिलेगा। श्री मौर्य ने कहा कि यदि उद्यमी आलू से संबंधित उद्योग लगते हैं तो उन्हंे विशेष सहायता दी जाएगी। सरकार ने आलू बोर्ड गठन का भी फैसला लिया है।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की हमारे प्रदेश में अपार संभावनाए हंै। इसको देखते हुए अब तक खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में 664 एम0ओ0यू0 हस्ताक्षर हुए हैं तथा 31300 करोड़ के प्रस्ताव भी आ चुके है। हमारी सरकार ने नई कार्य संस्कृति को बढ़ावा दिया है तथा खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में सभी विकल्प खुले है। उन्होंने उद्यमियों से कहा कि कच्चा माल हमारे पास है और पूंजी आपके पास है आपके सहयोग से हम आगे बढ़ सकते हैं।
केन्द्रीय संयुक्त सचिव खाद्य प्रसंस्करण पराग गुप्ता ने कहा कि केन्द्रीय सरकार ने निवेश बन्धु पोर्टल जारी किया है, जिसमें सरकार की सभी प्रकार की योजनाए तथा सुविधाओं की जानकारी उपलब्ध है। सरकार खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में आने वाले उद्यमी को हर सम्भव मदद देने के लिए तैयार है।
दुग्ध विकास प्रमुख सचिव श्री सुधीर बोबड़े ने कहा कि देश के कुल दुग्ध उत्पादन का 17 प्रतिशत हिस्सा उ0प्र0 में होता है। यहां पर लगभग 24.5 मिलियन से अधिक गाय और भैंसे हैं। 2017-18 में डेयरी सेक्टर में उ0प्र0 में 6801 दुग्ध को-आपरेटिव सोसायटियां थी तथा जब कि 520 बल्क दुग्ध कूलर यूनिट जिनकी क्षमता 912 किलोलीटर है और 3.36 लाख किलोलीटर प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन होता है। इस प्रकार दुग्ध फूड प्रोसेसिंग उद्योग में अपार संभावनाएं हैं।
प्रमुख सचिव खाद्य प्रसंस्करण श्री सुधीर गर्ग ने कहा कि प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने लिए खाद्य प्रसंस्करण नीति जारी की गई है ताकि उद्यामियों को प्रदेश में अपना उद्यम स्थापित करने के लिए किसी प्रकार की समस्या न हो। इसी कड़ी में प्रदेश में कच्चे माल की उपल्बधता के आधार पर फूड प्रोसेसिंग जोन चिन्हित किए गए है ताकि उद्यमियों को कच्चे माल के लिए इधर-उधर न भटकना पड़े।
इन्वेस्टर्स समिट में श्री रजनीकांत राय, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, खाद्य सुरक्षा, रविन्द्र चैधरी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी पतंजलि हर्बल फूड पार्क, श्री आर0एस0 सोडी, गुजरात सहकारी दुग्ध विकास सहित विभिन्न क्षेत्र के उद्यमियों ने भी भाग लिया।