ऋषिकेश: टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीआईएल) ने 23वीं अंतर केन्द्रीय विद्युत क्षेत्र उपक्रमों की चैस प्रतियोगिता के टीम ईवेंट में विजय प्राप्त की है। श्री श्रीधर पात्र, निदेशक (वित्त) टीएचडीसीआईएल ने आज एक भव्य पुरस्कार वितरण समारोह में विजेताओं को पुरस्कृत किया। विजेता टीएचडीसी टीम के सदस्य इस प्रकार है- श्री बी.पी. सिंह, टीम प्रबन्धक, डॉ प्रमोद कुमार, श्री नारायणन ए.वी., श्री एस.के. बहुखण्डी व वी.पी. सिंह । टीम र्इवेंट में नीपको दूसरे एवं रूरल इलैक्ट्रिीफेकेशन कॉरपोरेशन (REC) तीसरे स्थान पर रहीं।
इस अवसर पर श्री एच.एल. भारज, मुख्य महाप्रबन्धक (सेवाएं तथा सा. व पर्या.), श्री विजय गोयल, महाप्रबन्धक (कार्मिक/कॉरपोरेट संचार), श्री वीर सिंह, उपमहाप्रबन्धक (कार्मिक व प्रशासन) सहित कॉरपोरेशन के वरिष्ठ अधिकारीगण व कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
इस प्रतियोगिता की एकल श्रेणी में श्री दीपांकर गुहा, विद्युत मंत्रालय (MOP) प्रथम, श्री अजय कोटिया, रूरल इलैक्ट्रिीफेकेशन कॉरपोरेशन (REC) द्वितीय तथा श्री लालरिन सांगा, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA) तृतीय स्थान पर रहे । इसके पूर्व दिल्ली चैस एसोशिएसन के प्रतिनिधि ने सभी के समक्ष टूर्नामेंट रिपोर्ट प्रस्तुत की।
उल्लेखनीय है कि टीएचडीसीआईएल ने 05 से 08 सितम्बर, 2017 तक पावर स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वाधान में 23वीं अंतर केन्द्रीय विद्युत क्षेत्र उपक्रमों की चैस प्रतियोगिता का आयोजन किया। इस प्रतियोगिता में विद्युत क्षेत्र उपक्रमों की 10 टीमें भाग लिया। यह टीमें रहीं- विद्युत मंत्रालय (MOP), एनएचपीसी (NHPC),पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (PGCIL), भाखड़ा व्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB), नीपको (NEEPCO), पावर फाईनेंस कॉरपोरेशन (PFC), रूरल इलैक्ट्रिीफेकेशन कॉरपोरेशन (REC),केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA), पोस्को (POSOCO),तथा आयोजक टीम-टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (THDCIL) I इससे पूर्व 05.09.2017 टीएचडीसीआईएल के रसमंजरी प्रागंण में निदेशक (कार्मिक) श्री एस.के. बिस्वास ने स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड का ध्वज फहराया तथा प्रतियोगिता के शुभारभं की विधिवत घोषणा की।
टिहरी व कोटेश्वर जल विद्युत परियोजनाओं तथा गुजरात के पाटन व द्वारिका में पवन ऊर्जा परियोजनाओं की कमीशनिंग के उपरांत टीएचडीसी की कुल संस्थापित क्षमता 1513 मेगावाट हो गयी है। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड देश का प्रमुख विद्युत उत्पादक संस्थान होने के साथ ही एक मिनी-रत्न (कटेग्री-प्रथम) व शेड्यूल ‘ए’ दर्जा प्राप्त संस्थान है।