श्रीलंका के खिलाफ पहले टेस्ट के दूसरे दिन भारत ने मैच पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। निचले क्रम के बल्लेबाजों के उपयोगी योगदान की बदौलत 600 रनों का विशाल स्कोर खड़ा करने के बाद मोहम्मद शमी की अगुवाई में भारती गेंदबाजों ने श्रीलंकाई शीर्ष क्रम को तहस नहस कर दिया है।
श्रीलंका ने दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक 154 रन पर अपने पांच विकेट गंवा दिए हैं। मेजबान टीम अभी भी 446 रन पीछे हैं और उसे फोलोऑन से बचने के लिये अभी 247 रन की जरूरत है। श्रीलंका का दारोमदार अब पूर्व कप्तान एंजेलो मैथ्यूज पर टिका है जो 54 रन बनाकर खेल रहे हैं।
इससे पहले भारत के निचले क्रम के बल्लेबाजों के प्रयास भारत 600 रन तक पहुंचने में सफल रहा। पहले दिन अगर भारतीय पारी का आकर्षण शिखर धवन (190) और चेतेश्वर पुजारा (153 रन, 265 गेंदें, 13 चौके) के शतक थे तो दूसरे दिन अंजिक्य रहाणे (57 रन, 130 गेंदें, 3 चौके) और हार्दिक पंड्या (49 गेंदों पर 50 रन, पांच चौके, तीन छक्के) ने अर्द्धशतक जमाये। अश्विन (47 रन, 60 गेंदें, 7 चौके) और शमी (30) ने भी उपयोगी योगदान दिया। श्रीलंका की तरफ से तेज गेंदबाज नुवान प्रदीप ने 132 रन देकर छह विकेट लिये।
असेला गुणरत्ने के बाहर होने से पहले ही दस बल्लेबाजों के साथ खेल रहे श्रीलंका की शुरूआत अच्छी नही रही। उमेश ने सलामी बल्लेबाज दिमुथ करूणारत्ने (दो) को पगबाधा आउट करके उसे शुरू में ही झटका दिया। करूणारत्ने ने डीआरएस का सहारा भी लिया लेकिन इससे भी कोई फायदा नहीं मिला। थरंगा ने एक छोर से रन बनाने जारी रखे। उन्होंने कुछ करारे शॉट जमाये लेकिन शमी ने अपने दूसरे स्पैल के पहले ओवर में ही दो विकेट लेकर श्रीलंका को बैकफुट पर भेज दिया।
शमी की शॉर्ट पिच गेंद अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे धनुष्का गुणतिलका (16) के बल्ले का किनारा लेकर स्लिप में धवन के सुरक्षित हाथों में पहुंची। इस ओवर की आखिरी गेंद पर उन्होंने कुशाल मेंडिस (शून्य) को भी पहली स्लिप में शिखर के हाथों कैच कराया। इससे श्रीलंका का स्कोर तीन विकेट पर 68 रन हो गया। श्रीलंका को मध्यक्रम में अनुभवी दिनेश चंदीमल की कमी खली जो चोटिल होने के कारण इस मैच में नहीं खेल रहे हैं।
थरंगा शानदार बल्लेबाजी कर रहे थे और पूर्व मैथ्यूज के साथ चौथे विकेट के लिये 57 रन जोड़े। थरंगा दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से रन आउट होकर पवेलियन लौटे। स्टंप उखड़ने के समय मैथ्यूज के साथ दिलरूवान परेरा छह रन पर खेल रहे थे।
सुबह भारत ने तीन विकेट पर 399 रन से अपनी पारी आगे बढ़ायी और पहले सत्र में 104 रन जोड़े लेकिन इस बीच उसने चार विकेट भी गंवाये। इनमें कल के अविजित बल्लेबाज पुजारा और रहाणे के विकेट भी शामिल हैं।
पुजारा ने दिन के तीसरे ओवर में ही विकेट के पीछे कैच आउट पर डीआरएस लिया जिसमें उन्हें सफलता भी मिली। उन्होंने 257 गेंदों पर 150 रन पूरे किये और फिर विदेशी सरजमीं पर अपने सर्वोच्च स्कोर की बराबरी की। इससे पहले 2013 में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जोहानिसबर्ग में भी 153 रन बनाये थे। पुजारा का यह श्रीलंका के खिलाफ भी सर्वोच्च स्कोर है। उन्होंने 2015 में कोलंबो में नाबाद 145 रन बनाये थे।
सुबह 144 रन से आगे खेलने वाले पुजारा को आखिर में 98वें ओवर में प्रदीप की गेंद पर विकेटकीपर निरोशन डिकवेला ने कैच किया जबकि रहाणे ने भी अपना 12वां टेस्ट अर्द्धशतक पूरा करने के बाद कुमारा की गेंद पर स्लिप में कैच थमाया। अश्विन और ऋद्धिमान साहा (16) को पंड्या से ऊपर बल्लेबाजी के लिये भेजा गया।
अश्विन और साहा ने छठे विकेट के लिये 59 रन जोड़े। साहा के कार्यवाहक कप्तान हेराथ की गेंद पर मिड ऑन पर कैच थमाया। यह हेराथ का मैच का पहला विकेट भी था। लंच से ठीक पहले अश्विन भी प्रदीप की गेंद पर विकेट के पीछे कैच थमाया। इससे प्रदीप पहली बार टेस्ट मैचों में पांच विकेट लेने में सफल रहे। इससे पहले उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 62 रन देकर चार विकेट था जो उन्होंने 2015 में कोलंबो में भारत के खिलाफ किया था। भारत ने लंच के बाद रविंद्र जडेजा (15) का विकेट गंवाया जिन्हें प्रदीप ने बोल्ड किया। पंड्या जब चार रन पर थे तब रंगना हेराथ (119 रन देकर एक विकेट) की गेंद पर पहली स्लिप में उनका कैच छूटा। इसके बाद हालांकि उन्होंने विरोधी टीम को कोई मौका नहीं दिया और कुछ करारे शाट जमाये। शमी (30) ने उनका अच्छा साथ दिया। इन दोनों ने नौवें विकेट के लिये 62 रन जोड़े।
पंड्या आउट होने वाले आखिरी बल्लेबाज थे। उन्होंने 48 गेंदों पर अपना अर्द्धशतक पूरा किया और इसके तुरंत बाद वह गेंद को सीमा रेखा पार पहुंचाने के प्रयास में डीप स्क्वायर लेग पर कैच दे बैठे।