नई दिल्ली: ‘राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव-2017’ का आयोजन भारत के प्रथम विश्व धरोहर नगर अर्थात अहमदाबाद, गुजरात में 7 से 9 अक्टूबर, 2017 मे आयोजित किया जाएगा। संस्कृति मंत्रालय की अपर सचिव सुश्री सुजाता प्रसाद ने आज अहमदाबाद, गुजरात में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव की संकल्पना संस्कृति मंत्रालय द्वारा 2015 में की गई थी और नवंबर 2015 में प्रथम राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव की महान सफलता के बाद संस्कृति मंत्रालय ने देश के सांस्कृतिक रूप से समृद्ध धरोहर को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से इसके आयोजन का फैसला किया जहां एक ही स्थान पर इसके सभी समृद्ध और विविध आयामों जैसे हस्तशिल्प, पाक प्रणाली, चित्रकारी, मूर्तिकला, फोटोग्राफी, दस्तावेजीकरण एवं प्रदर्शनकलाओं- लोकगीत, जनजातीय, पारंपरिक एवं समसामयिक का प्रदर्शन किया जा सके। अभी तक इस मंत्रालय ने 5 राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सवों का आयोजन किया है, जिसमें दिल्ली में दो बार तथा वाराणसी, बंगलूरु एवं पूर्वोत्तर में एक-एक बार सभी पूर्वोत्तर राज्यों की राजधानियों में राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव का आयोजन शामिल है। अपर सचिव ने बताया कि केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री डॉ. महेश शर्मा 7 अक्टूबर, 2017 को 7 बजे अहमदाबाद में साबरमती नदी के तट पर स्थित इवेंट सेंटर, ए ब्लॉक में राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव के 6ठे संस्करण का उद्घाटन करेंगे।
उन्होंने जोर देकर कहा कि लोगों को खासकर युवाओं को उनकी देशज संस्कृति, इसकी बहुआयामी प्रकृति, वैभव, समृद्धि एवं एक राष्ट्र के रूप में भारत के परिप्रेक्ष्य में ऐतिहासिक महत्व से जोड़ने की तत्काल आवश्यकता है। अपर सचिव महोदया ने मीडिया को बताया कि विविधता में एकता के विचार का समारोह मनाने के लिए संस्कृति मंत्रालय पर्यटन मंत्रालय की साझेदारी में 7 अक्टूबर, 2017 से गुजरात में एक भारत श्रेष्ठ भारत सांचे के तहत एक राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव का आयोजन कर रहा है।
राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव विभिन्न क्षेत्रों एवं पहलुओं में भारतीय संस्कृति के सभी पहलुओं को प्रदर्शित करेगा। महोत्सव के दौरान बहुत सारे कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। साबरमती नदी के तट पर एक फूड कोर्ट होगा, जिसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों के पारंपरिक स्वादिष्ट व्यंजन पेश किए जाएंगे। संस्कृति मंत्रालय ने राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव के दौरान साहित्य, भाषा, स्वच्छता अभियान जैसे विभिन्न कार्यक्रम के आयोजन की भी योजना बनाई है।
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