नई दिल्लीः उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू ने कहा है कि तकनीक का प्रयोग मानवता के उत्थान के लिए होना चाहिए। वे आज गाजियाबाद स्थित राष्ट्रीय दूरसंचार नीति शोध, नवप्रवर्तन एवं प्रशिक्षण संस्थान (एनटीआईपीआरआईटी ) में भारतीय दूरसंचार सेवा 2015 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों से बातचीत कर रहे थे। केंद्रिय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और कानून एवं न्याय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश का भविष्य डिजिटल भारत है और हमें लोगों की आकांक्षाओं पर खरा उतरने के लिए स्वयं को तैयार करना होगा। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक से ऑनलाइन सेवाएं मुहैया होनी चाहिए। ये सेवाएं विलंब और दुरुपयोग मुक्त होनी चाहिए। हमारे लिए ऑनलाइन सेवा को अपनाने का समय आ गया है, अन्यथा हम कतार में खड़े रहेंगे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि सरकार देश के बेरोजगार युवाओं के लिए स्टैंड-अप इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया, डिजिटल इंडिया, इनक्यूबेशन, इनोवेशन जैसे कई कदम उठा रही है। हमें सरकार द्वारा शुरू किए गए इन कार्यक्रमों से लाभ उठाना चाहिए और साबित करना चाहिए कि हम नौकरी तलाशने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया पहले से बेहतर हो गई है और आज प्रत्येक व्यक्ति एलपीजी यानि – उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण के दौर में है।
उपराष्ट्रपति ने यूरिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नीम-कोट के आइडिया का हवाला देते हुए प्रशिक्षुओं से नवीन विचारों के सृजन करने का आह्वान किया। श्री नायडू ने सरकार की प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी), जन धन-आधार-मोबाइल (जेएएम) जैसी पहलों का हवाला देते हुए कहा कि इनकी मदद से छात्रवृत्ति, पेंशन, क्षतिपूर्ति आदि अविलंब और भ्रष्टाचार मुक्त तरीके से लाभार्थियों तक पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि हमारे पास जो भी आधुनिक तकनीक है उससे मानवता का कल्याण होना चाहिए।