लखनऊ: नशा मुक्ति आन्दोलन (एनएमए) तम्बाकू के खिलाफ युवाओं को जागरूक करेगी। इसको लेकर प्रदेशभर में जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। मंगलवार को आईएमए भवन में नशा मुक्ति आन्दोलन और इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया।
प्रेसवार्ता को नशा मुक्ति आन्दोलन के संयोजक बृजनन्दन यादव, आईएमए की तरफ से मनोरोग चिकित्सक डा. शास्वत सक्सेना, केजीएमयू के पल्मोनरी विभाग के प्रो. अजय वर्मा, केजीएमयू के प्रोस्थोडेन्टिस्ट विभाग के प्रो0 डा. रमाशंकर एवं केजीएमयू के पायरियोडेन्टिस्ट विभाग के प्रो0 उमेश प्रताप और केन्द्रीय होम्योपैथिक चिकित्सा परिषद के सदस्य डा. अनिरूद्ध वर्मा ने संबोधित किया।
केजीएमयू के प्रास्थोडेन्टिस्ट विभाग के प्रो0 रमाशंकर ने नशा मुक्ति आन्दोलन के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि मीडिया और चिकित्सकों के सहयोग से इस अभियान को निश्चित ही गति मिलेगी और तम्बाकू मुक्त उत्तर प्रदेश बनाने में हम सभी लोग कामयाब होंगे।
राष्ट्रद्रोही हैं तम्बाकू कंपनियां
नशा मुक्ति आन्दोलन के संयोजक बृजनन्दन यादव ने बताया कि आज उत्तर प्रदेश की जनता को नशा से मुक्ति दिलाना सबसे बड़ी चुनौती है। नशा मुक्ति आन्दोलन प्रदेश सरकार से मांग करती है कि उत्तर प्रदेश में पूर्ण रूप से तम्बाकू पर रोक लगाये तभी उत्तर प्रदेश तरक्की करेगा। उन्होंने बताया कि इस वर्ष पूरे प्रदेश में विशेषकर युवाओं और शिक्षण संस्थानों को केन्द्रित कर अभियान चलाया जायेगा। उन्होंने बताया कि तम्बाकू कंपनियां राष्ट्रद्रोही हैं। विज्ञापनों के जरिये युवाओं को लुभाकर उनका जीवन बर्बाद करने का काम कर रही हैं।
स्मोकिंग से पायरिया होने की शत-प्रतिशत संभावना
केजीएमयू के पायरियोडेन्टिस्ट विभाग के प्रो0 डा. उमेश प्रताप ने बताया कि तम्बाकू के उपयोग से कैंसर के अलावा भी कई बीमारियां मुख में हो जाती हैं। उन्होंने बताया कि तम्बाकू खाने विशेषकर धूम्रपान करने से दांतों में पायरिया होने की शत-प्रतिशत संभावना बढ़ जाती है जो आगे चलकर कैंसर का रूप धारण करता है। डा. वर्मा ने नशा मुक्ति आन्दोलन के अभियान की सराहना करते हुए कहा कि तम्बाकू शरीर के पूरे सिस्टम को प्रभावित करती है। तम्बाकू खाने की लत महिलाओं की अपेक्षा पुरूषों विशेषकर युवाओं में अधिक होती है।
नशा छुड़ाने में मद्दगार मोटीवेशन थेरेपी
आईएमए से जुड़े मनोरोग चिकित्सक डा. शास्वत सक्सेना ने कहा कि मोटीवेशन थेरेपी द्वारा नशा छुड़ाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि तम्बाकू की लत काउंसलिंग और दवा की मदद से छोड़ी जा सकती है। देखने में यह आया है कि सही काउंसलिंग से लगभग 60 प्रतिशत लोगों का तम्बाकू छुडाया जा सकता है और अगर उचित दावा दी जाए तो 80 प्रतिशत लोगों को फायदा पहंुचाया जा सकता है। सबसे ज्यादा फायदा काउंसलिंग और दवा दोनों साथ में चलने से होता है।
धूम्रपान करने से होता है लंग कैंसर, सीओपीडी व टीबी का भी बनता है कारण
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के पल्मोनरी एवं क्रिटिकल केयर विभाग के असिस्टेंट प्रो0 डा. अजय वर्मा ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि लंग कैंसर को मुख्य कारण धूम्रपान है। इसके अलावा धूम्रपान करने से सीओपीडी होने के खतरे बढ़ जाते हैं। उन्होंने बताया कि दमा और टीबी होने की भी संभावना स्मोकिंग से बढ़ जाती है। डा. अजय वर्मा ने कहा कि तम्बाकू व इससे बने उत्पादों से 40 प्रकार के कैंसर और 25 प्रकार की बीमारियां होती हैं। 95 प्रतिशत मुंह के कैंसर तम्बाकू सेवन करने वाले व्यक्तियों को होता है।
होम्योपैथी तंबाकू की लत छुड़ाने में मद्दगार
प्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक डा. अनुरूद्ध वर्मा ने कहा कि होम्योपैथी की मीठी गोलियां तंबाकू की लत को छुड़ाने में कारगर है। डा0 वर्मा ने बताया कि होम्योपैथी में अनेक ऐसी कारगर दवाएं हैं जो आसानी से इस लत से छुटकारा दिला सकती हैं। होम्योपैथिक दवाएं लती व्यक्ति के द्वारा एकदम से तम्बाकू व धूम्रपान छोड़ने के कारण उत्तपन्न होने वाले लक्षणों जैसे चिड़चिड़ापन,गुस्सा, भूख न लगना आदि को भी काबू कर लेती है।