देहरादून: जिलाधिकारी एस ए मुरूगेशन की अध्यक्षता में दुग्ध एवं दुग्ध पदार्थो में मिलावट की रोकथाम के लिए गठित जिला स्तरीय समिति की प्रथम बैठक कैम्प कार्यालय में सम्पन्न हुई। यह समिति सुप्रीम कोर्ट में स्वामी अच्चुतानन्द मामले में दिये गये दिशा-निर्देशों के क्रम में गठित की गयी है।
बैठक में जिलाधिकारी ने हाल ही में समाचार पत्रों में दुग्ध विकास विभाग द्वारा किये गये सर्वेक्षण में मिलावट सम्बन्धी सूचना पर खाद्य सुरक्षा विभाग से जानकारी मांगे जाने पर बैठक में मौजूद जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी गणेश कण्डवाल ने अवगत कराया कि खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा मांगे जाने पर दुग्ध विकास विभाग द्वारा जनपद देहरादून में उनके द्वारा किये गये सर्वेक्षण की रिपोर्ट हाल ही में विभाग को सौंपी गयी है, जिसमें जनपद देहरादून में किसी हानिकारक पदार्थ की मिलावट की पुष्टि नही हुई है। खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा लिये जाने वाले नमूनों में एवं उनके द्वारा किये गये सर्वे में भी दुग्ध में हानिकारक पदार्थो की मिलावट नही पायी गयी है। उन्होने बताया कि विभाग दुग्ध पदार्थों के नमूने की तीन श्रेणियों में लैब द्वारा अयोग्य हो सकते हैं जैसे मिथ्याछाप, अधोमानक तथा हानिकारक आम जनता सभी को हानिकारक मानती है। जबकि जनपद में हानिकारक पदार्थों की मिलावट का कोई भी मामला सामने नही आया है। जनता को विभाग के कार्य एवं खाद्य मिश्रण के सम्बन्ध में जागरूक करने की बात कही है। उन्होने विभाग द्वारा नमूना संग्रहण, सर्वेक्षण, सुधार सूचना, जागरूकता अभियान एवं न्यायालय में दायर वादों के बारे में बताया गया। जिलाधिकारी द्वारा उपस्थित विभागों से दुग्ध एवं दुग्ध पदार्थों की मिलावट की रोकथाम के लिए अभियान तेज करने हेतु निर्देशित किया गया। नगर निगम देहरादून को निर्देश दिये कि डेरी संचालकों द्वारा दुग्ध पशुओं को आवारा सड़कों पर चलने से रोका जाए। दुग्ध संघ आंचल को निर्देशित किया गया कि उनके द्वारा संग्रहित किये जाने वाले दुग्ध में किसी प्रकार की मिलावट पाये जाने पर खाद्य सुरक्षा विभाग को तत्काल सूचित किया जाये। डेरी विकास विभाग को दुग्ध का उत्पादन बढाने हेतु प्रयास तेज करने के निर्देश दिये। उनके द्वारा पुलिस विभाग को खाद्य सुरक्षा विभाग के साथ समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करने के निर्देश दिये गये। बैठक में मौजूद स्थानीय दुग्ध समिति के सदस्यों द्वारा राज्य में दुग्ध के मानक हिमाचल प्रदेश के अनुसार करने का अनुरोध किया गया। थे। इसके साथ ही उन्होने दुग्ध एवं दुग्ध पदार्थों की लाईसेंस फीस काफी ज्यादा है जिसे कम किया जाये।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ दयाल शरण, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम डाॅ कैलाश गुंज्याल, पुलिस क्षेत्राधिकारी जया बलूनी, खाद्य सुरक्षा अधिकारी नगर निगम संजय सिंह, सहायक निदेशक डेरी विकास अनुराग मिश्र, दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लि0 से विकास मिश्रा, समिति के सदस्य अरविन्द कुमार एवं रामसिंह कश्यप आदि उपस्थित