लखनऊ: दिनांक 10 फरवरी, 2015, उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में दुग्ध विकास हेतु ठोस पहल की है। 07 बंद सहकारी दुग्ध संघों-आगरा, मथुरा, अलीगढ़, सहारनपुर, बरेली, फिरोजाबाद एवं फतेहपुर को पुर्नसंचालित किया गया है। बकाया दुग्ध मूल्य भुगतान हेतु सरकार ने 55 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध करा दी है। प्रदेश में दुग्ध उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता के तरल दुग्ध एवं दुग्ध उत्पाद उपलब्ध कराने हेतु बड़े शहरों में 800 नये मिल्क बूथ एवं मिल्क पार्लरों की स्थापना की गयी है।
यह जानकारी दुग्ध विकास मंत्री श्री राममूर्ति वर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में दुग्ध उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता के तरल दुग्ध उत्पाद उपलब्ध कराने हेतु 267 दुग्ध संकलन केन्द्रों (बी0एम0सी0) को विपणन हब के रूप में विकसित किया गया है। जनपद कन्नौज में उमर्दा (तिर्वा) क्षेत्र में 30,000 लीटर दैनिक क्षमता के नये दुग्ध अवशीतन केन्द्र की स्थापना का कार्य प्रारम्भ किया गया है। जनपद आज़मगढ़ में बूढ़नपुर में 10,000 लीटर दैनिक क्षमता के नये डेयरी प्लाण्ट की स्थापना का कार्य प्रारम्भ किया गया। बुन्देलखण्ड पैकेज के अन्तर्गत जनपद झांसी में 10,000 लीटर क्षमता का डेयरी प्लाण्ट तथा जनपद ललितपुर में 5000 लीटर के अवशीतन केन्द्र की स्थापना तथा संचालन कराया गया है। जनपद लखीमपुर खीरी, जालौन, गोण्डा, फैजाबाद, में दही प्लाण्ट की स्थापना की गयी है।
श्री वर्मा ने बताया कि मिनी डेयरी इकाइयों की स्थापना हेतु निर्धारित 1770 के सापेक्ष 1666 ऋण आवेदन पत्र स्वीकृत कराये गये। प्रदेश के 10 जनपदों देवरिया, इलाहाबाद, इटावा, मथुरा, गोण्डा, बस्ती, जालौन, पीलीभीत, बाराबंकी एवं लखनऊ में 257 महिला दुग्ध समितियों की स्थापना की गयी और 10,225 महिलाओं को प्रत्यक्ष रुप से रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये गये। प्रदेश सरकार द्वारा कानपुर देहात, इटावा, वाराणसी एवं लखनऊ में अमूल डेयरी प्लाण्ट स्थापित कराये जाने के निर्णय के क्रम में लखनऊ में पांच लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता के डेयरी प्लाण्ट तथा कानपुर देहात में एक डेयरी प्लाण्ट का शिलान्यास किया जा चुका है शेष जनपदों में कार्य प्रगति पर है।
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