नई दिल्लीः संचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और रेल राज्य मंत्री श्री मनोज सिन्हा ने आज नई दिल्ली में दूरसंचार विभाग के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और संगठनों के मिलकर काम करने के लिए रणनीतिक योजना जारी की। इस अवसर पर श्री मनोज सिन्हा ने कहा कि उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने, आपदा प्रबंधन, राष्ट्रीय सुरक्षा, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों, सरकार द्वारा वित्त पोषित द्विपक्षीय परियोजनाओं और सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों को अमल में लाने के मामलों में सरकार की हस्तक्षेप करने की क्षमता को विकसित करने और उसे बढ़ाने में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की काफी महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने विभिन्न पीएसयू बीएसएनएल, एमटीएनएल, बीबीएनएल, टीसीआईएल, आईटीआई और अन्य संगठनों जैसे टीईसी तथा सी-डॉट की ताकत को उजागर किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि बाजार में प्रतिस्पर्धा का सामना करने, डिजिटल इंडिया और स्मार्ट सिटी जैसी सरकार की पहलों से उत्पन्न नए व्यावसायिक अवसरों से निपटने, अधिकतम लाभ के लिए उनके संसाधनों के अधिकतम इस्तेमाल के लिए उन्हें मिलकर काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने भारतनेट और आईटीआई के प्रतिक्रम का उदाहरण दिया और इसे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के बीच मिलकर कार्य करने का अच्छा उदाहरण बताया।
दूरसंचार सचिव सुश्री अरुणा सुन्दरराजन ने जोर देकर कहा कि पीएसयू के बीच मिलकर काम करना एक प्रमुख नीतिगत मुद्दा है, जिसे राष्ट्रीय दूरसंचार नीति में हल किया जाना है। उन्होंने उन क्षेत्रों का जिक्र किया, जहां सार्वजनिक क्षेत्र के संगठन मिलकर काम कर सकते हैं। खासतौर से बड़ी परियोजनाओं में जैसे निवेश की भारी जरूरत के कारण देश में अपसेमी कंडक्टर फेब्रिकेशन फेसिलिटी की स्थापना ऐसी परियोजनाएं न केवल दूरसंचार विभाग के पीएसयू के साथ मिलकर काम करने से संभव है, बल्कि रक्षा, दूरसंचार, आईटी और शहरी विकास जैसे विभिन्न मंत्रालयों के पीएसयू से भी सहयोग जरूरी है।
दोपहर के सत्र में सरकार और पीएसयू के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच विस्तृत विचार-विमर्श हुआ। उन्होंने रणनीतिक योजना के विभिन्न पहलुओं और उसे सफलतापूर्वक लागू करने के बारे में बातचीत की।