नई दिल्ली: सूचना और प्रसारण मंत्री श्री वैंकेया नायडू ने कहा है कि देश के विकास में महिलाओँ की भूमिका को परिभाषित करने के तीन महत्वपूर्ण तत्व हैं, महिला सशक्तिकरण, मुक्ति तथा समानता। सरकार विभिन्न उपायों के जरिए महिलाओं और लड़कियों के लिए समान अधिकार और अवसर उपलब्ध कराने के प्रति संकल्पबद्ध है। साथ-साथ सूचना और प्रसारण मंत्री ने फिल्मों में महिलाओं को घिसेपीटे और पारंपरिक रूप से दिखाने पर चिंता व्यक्त की। श्री वैंकेया नायडू तेजस्विनी धारावाही की 100वीं कड़ी पूरी होने पर दूरदर्शन समाचार द्वारा आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौर भी उपस्थित थे।
श्री नायडू ने महिलाओं और लड़कियों से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए सरकार द्वारा किए गए विभिन्न उपायों की चर्चा की। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम का उद्देश्य व्यवहार में परिवर्तन लाना और महिलाओँ की भूमिका के बारे में लोगों की सोच को बदलना है। सुकन्या समृद्धि योजना हमारी बेटियों को वित्तीय सुरक्षा उपलब्ध कराती है। प्रधानमंत्री द्वारा मन की बात के माध्यम से लाँन्च किया गया # सेल्फी विद डॉटर्स अभियान पूरे विश्व भर में फैला और यह पूरी दुनिया के टॉप 5 ट्रेंड में रहा।
श्री नायडू ने इस अवसर पर जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से आई 14 तेजस्विनियों को सम्मानित किया। सूचना और प्रसारण मंत्री ने इस अवसर पर तेजस्विनी यू-ट्यूब लिंक का उद्घाटन भी किया।
इस अवसर पर सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा कि महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी देने में मीडिया को भी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्मों के माध्यम से नारी शक्ति कार्यक्रमों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने देश के इतिहास में योगदान करने वाले और उदाहरण पेश करने वाली महिला नेताओं और बुद्धिजीवियों से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को सामाजिक स्थान पर लाने में हमारे देश ने काफी काम किया है। उन्होंने कहा कि यद्यपि हम पुरानी मनोवृत्ति से और व्यवहारों से उभर आए हैं लेकिन लैंगिक समानता के बारे में लोगों को संवेदी बनाने का कार्य पूरा करना है।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक क्षेत्र में भारतीय महिलाओं की भूमिका और उनके योगदान दिखते हैं। भारतीय महिलाएं बैंकर, अंतरिक्ष वैज्ञानिक, पुलिस तथा कॉरपोरेट पेशे में महत्वपूर्ण नेतृत्व निभा रही हैं। सॉफ्टवेयर उद्योग का 30 प्रतिशत कार्यबल महिलाओं का है। भारतीय महिलाओं ने खेल के क्षेत्र में भी अपनी शक्ति का प्रदर्शऩ किया है। बैडमिंटन में पी.वी.सिंधु, कुश्ती में साक्षी मलिक और मुक्केबाजी में मैरी कॉम इसके उदाहरण हैं। यहां तक की वर्तमान सरकार में महिला सहयोगी, विदेश मंत्रालय, वाणिज्य तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को नेतृत्व प्रदान कर रही है।
महिलाओं के असाधारण प्रयासों की चर्चा करते हुए श्री नायडू ने कहा कि छत्तीसगढ़ की 105 वर्षीय कुँवर बाई के जोश की कहानी हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है। स्वच्छ भारत अभियान के शुभंकर के रूप में माननीय प्रधानमंत्री द्वारा हाल में उनका सम्मान किया गया।
श्री नायडू ने कहा कि प्रसिद्ध महिलाओं की प्रेरणादायी कहानियां और उपलब्धि प्राप्त करने वाली महिलाओं के साक्षात्कार से वैसी महिलाएं प्रेरित होंगी जिनकी और ध्यान नहीं गया। उन्होंने प्रसार भारती से लड़कियाँ, किशोरियों तथा महिलाओं के लिए सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं का संदेश फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि महिलाओं की योग्यता, मेधा और शक्ति को दिखाने वाले कार्यक्रम बनाने और विकसित किये जाने चाहिए। इससे देश में महिला आंदोलन सशक्त होगा।
इससे पहले महिला और बाल विकास मंत्री श्री मेनका गांधी ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए कार्यक्रमों की चर्चा की। श्रीमती गांधी ने विशेष रूप से समानता के विचार को प्रोत्साहित करने के लिए सोशल मीडिया पर मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया “हम समान हैं अभियान” की चर्चा की।
सूचना और प्रसारण मंत्री द्वारा सम्मानित तेजस्विनियों की सूची
- सुश्री दीपा मलिक, पैरालम्पिक 2017 रजत पदक विजेता
- सुश्री सुनीता चौधरी, दिल्ली की पहली ऑटो रिक्शा चालक
- सुश्री गीतांजलि बब्बर, सेक्स वर्कर्स के लिए सामाजिक कार्यकर्ता
- सुश्री अर्चना रामसुंदरम, अर्द्धसैनिक विंग की पहली महिला प्रमुख
- पंडिता अनुराधा पाल, विश्व की पहली महिला पेशेवर तबला वादक
- डॉ सोनल मानसिंह, भरतनाट्यम कलाकार
- सुश्री उषा चोमर, स्वच्छता एम्बेसेडर
- सुश्री प्रतिष्ठा सारस्वत, योगाचार्य
- विंग कमांडर पूजा ठाकुर
10 सुश्री प्रज्ञा घिलडियाल, दिव्यांगता के साथ सर्वश्रेष्ठ खेल व्यक्ति
- सुश्री रूपा, एसिड हमले से सुरक्षित बचीं
- सुश्री मधु, एसिड हमले से सुरक्षित बचीं
- सुश्री नीतू, एसिड हमले से सुरक्षित बचीं
- सुश्री संतोष यादव, पर्वतारोही