पाकिस्तान की भ्रष्टाचार विरोधी अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ और उनकी बेटी मरियम नवाज़ को भ्रष्टाचार को दोषी माना है.
अदालत ने नवाज़ शरीफ़ को दस साल, मरियम नवाज़ को सात साल की सज़ा सुनाई है.
अदालत ने मरियम नवाज़ पर बीस लाख पाउंड (लगभग पौने दो करोड़ भारतीय रुपए) का जुर्माना भी लगाया है.
अदालत के फ़ैसले के बाद देशभर में नवाज़ शरीफ़ की पार्टी मुस्लिम लीग (नवाज़) के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किए हैं.
सज़ा के ऐलान के बाद मरियम नवाज़ चुनाव लड़ने के लिए भी अयोग्य हो गई हैं. पाकिस्तान में 25 जुलाई को चुनाव होने हैं. मरियम नवाज़ लाहौर की सीट एनए 127 से चुनाव लड़ रहीं थीं.
अदालत ने मरियम नवाज़ के पति कैप्टन सफ़दर को भी एक साल की सज़ा सुनाई है.
अदालत ने एवेनफ़ील्ड अपार्टमेंट को ज़ब्त करने का आदेश भी दिया है.
लंदन स्थित एवेनफ़ील्ड अपार्टमेंट
नेशनल अकाउंटेबिलीटी बोर्ड (पाकिस्तान का लोकायुक्त कार्यालय) के अभियोजक सरदार मुज़फ़्फ़र ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि अदालत ने अपने फ़ैसले में केंद्रीय सरकार से कहा है कि एवेनफ़ील्ड को ज़ब्त कर ले.
एवेनफ़ील्ड अपार्टमेंट लंदन में नवाज़ परिवार की संपत्ति में शामिल मानी जाती हैं, इसे लेकर ही भ्रष्टाचार का ये मुक़दमा चल रहा था.
इससे पहले अदालत ने तीन जुलाई 2018 को मुक़दमे की सुनवाई पूरी करके फ़ैसला सुरक्षित कर लिया था.
इस्लामाबाद की भ्रष्टाचार विरोधी अदालत के जज महमूद बशीर ने साढ़े नौ महीने तक इस मुक़दमे की सुनवाई की.
इस मुक़दमे में नवाज़ शरीफ़, उनकी बेटी मरियम नवाज़, हसन नवाज़, हुसैन नवाज़ और कैप्टन सफ़दर अभियुक्त हैं.
अदालत हसन नवाज़ और हुसैन नवाज़ को पहले ही भगोड़ा क़रार दे चुकी है.
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