नई दिल्ली: संपूर्ण पृथ्वी के अपने पहले परिक्रमा अभियान के दौरान आईएनएसवी तारिणि आज पोर्ट स्टैनली (फ़ॉकलैण्ड द्वीप) में प्रवेश कर गयी है। यह धरती की परिक्रमा करने का भारत का पहला ऐसा अभियान जिसमें चालक दल के सभी सदस्य महिलायें हैं। इस नौका का नेतृत्व लेफ्टिनेण्ट कमाण्डर वर्तिका जोशी कर रही हैं और ले. कमाण्डर प्रतिभा जामवाल एवं पी. स्वाति और लेफ्टिनेण्ट एस. विजया देवी, बी. ऐश्वर्या और पायल गुप्ता चालक दल में शामिल हैं।
रक्षामंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आईएनएसवी तारिणि को 10 सितंबर 2017 को गोवा से झण्डा दिखाकर रवाना किया था। यह नौका गोवा से अभी तक करीब 15,000 समुद्री मील की दूरी तय कर चुकी है, इसने 25 सितंबर 2017 को भूमध्य रेखा को पार किया था और 9 नवंबर 17 को केप लीयुविन को पार किया, और 18 जनवरी 2018 को केप हॉर्न को पार किया।
नौका और इसके चालक दल ने प्रशांत महासागर की 41 दिनों की पूरी यात्रा के दौरान खराब मौसम और तूफानी हवाओं का सामना किया। इसके साथ-साथ उस क्षेत्र में अत्यधिक ठण्डे मौसम से निपटना भारतीय नौसेना के चालक दल के लिये काफी चुनौती भरा रहा। परिक्रमा के इस चरण में 60 नॉट प्रति घण्टे से ज्यादा रफ्तार वाली तूफानी हवाओं और 7 मीटर तक ऊंची लहरों का सामना करना पड़ा।
स्वदेश में निर्मित आईएनएसवी तारिणि एक 56 फीट लंबी नौका है जिसे भारतीय नौसेना में पिछले साल शामिल किया गया था जो कि भारत की ‘मेक इन इंडिया’ की पहल को अंततराष्ट्रीय स्तर पर दर्शाता है। ‘नविका सागर परिक्रमा’ अभियान महिलाओं को सशक्त बनाने की उस राष्ट्रीय नीति के अनुरूप है जिसके तहत वे अपनी क्षमताओं को पूर्ण विकास कर सकें। इसका यह भी उद्देश्य है कि चुनौतियों से भरे माहौल में उनकी भागीदारी के उदाहरण से भारतीय समाज में महिलाओं के प्रति सोच को बदला जा सके और समाज की सोच में क्रांतिकारी बदलाव लाया जा सके और विश्व पटल पर नारी शक्ति का उदाहरण प्रस्तुत किया जा सके।
परिक्रमा पूरी करने के बाद अप्रैल 2018 में नौका का गोवा वापस लौटना अपेक्षित है। इस अभियान को पांच चरणों में पूरा किया जा रहा है, जिसमें चार बंदरगाहों में ठहरना शामिल है: फ्रेमैण्टल (ऑस्ट्रेलिया), लिटिलटन, (न्यू जीलैण्ड), पोर्ट स्टैनले (फ़ॉकलैण्ड), एवं केप टॉउन (सॉउथ अफ्रीका)। अभी तक यह नौका इस अभियान के पांच चरणों में से तीन को पूरा कर चुकी है जिसमें पहला विश्राम पिछले साल अक्टूबर में फ्रेमैण्टल (ऑस्ट्रेलिया) एवं दूसरा विश्राम लिटिलटन (न्यू जीलैण्ड) में नवंबर में था।
चालक दल नियमित तौर पर मौसम, समुद्र और लहरों से संबंधित आंकड़ों का संग्रह कर रहा है और उन्हें अपडेट कर रहा है ताकि भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) मौसम का सटीक पूर्वानुमान लगा सके, इसके साथ ही चालक दल गहरे समुद्र में सामुद्रिक प्रदूषण पर भी नजर रखे है। बंदरगाह पर ठहरने के दौरान चालक दल के सदस्य स्थानीय लोगों से व्यापक तौर पर मिलेंगे, विशेषकर के बच्चों से, ताकि सामुद्रिक नौवहन और रोमांच की भावना को प्रोत्साहित किया जा सके। चार फरवरी 2018 को नौका को पोर्ट स्टैनले से आगे रवाना होना है।