नई दिल्ली: राजधानी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए नागर विमानन मंत्री श्री पी अशोक गजपति राजू ने घोषणा की कि उनका मंत्रालय जल्दी ही आरसीएस-उड़ान के तहत बोली लगाने के दूसरे दौर की शुरूआत करेगा। उन्होंने बताया कि एयरलाइन ऑपरेटरों ने इस योजना के तहत परिचालन करने में गहरी दिलचस्पी दिखाई है और बोली लगाने के पहले दौर के आधार पर उनका मंत्रालय प्रक्रिया को और अधिक सरल और आकर्षक बनाना चाहता है। उन्होंने यह भी बताया कि बोली लगाने के दूसरे दौर की योजना के बारे में प्रस्तावित संशोधनों और पहलुओं पर विचार-विमर्श करने के लिए 7 जून, 2017 को हितधारक परामर्श बैठक का आयोजन किया जा रहा है। इसके बाद, हितधारकों से अपने विचार और टिप्पणियां 9 जून, 2017 तक प्रस्तुत करने की उम्मीद की गई है।
नागर विमान सचिव श्री आर एन चौबे ने योजना के छह पहलुओं के बारे में प्रकाश डाला और उनके लिए हितधार कों से सुझाव आमंत्रित किए गए हैं।
पहलू नं 1 के अधीन ऐसे दो हवाई अड्डों के मध्य मार्गों के बारे में विचार करने का प्रस्ताव है, जहां सेवांए कम और न के बराबर नहीं है। ऐसा अंतर क्षेत्रीय जुड़ाव को और प्रोत्साहित करने के लिए किया जा रहा है।
पहलू नं 2 में यह प्रावधान है कि क्या 150 किमी से कम दूरी के निर्दिष्ट क्षेत्रों के लिए फिक्स्ड विंग हवाई जहाज की अनुमति दी जानी चाहिए।
पहलू नं 3 में एक विशिष्ट क्लॉज को और अधिक लचीला बनाने की मांग की गई हैं जो ऑपरेटर और विशेष नियमों पर आधारित हो।
पहलू नं 4 के तहत मंत्रालय ने आरसीएस सीटों की न्यूनतम संख्या के बारे में सुझाव मांगे हैं। इसके अलावा क्या आरसीएस सीटों की न्यूनतम और अधिकतम संख्या को एक विशेष उड़ान की बजाय एक हफ्ते की अवधि के लिए बढ़ाया जा सकता है। यह भी विकल्प मांगे गए हैं कि क्या सीजनल उड़ानों को भी आरसीएस के तहत अनुमति दी जानी चाहिए।
पहलू नं 5 में हितधारकों को यह देखने के लिए कहा जाएगा कि क्या गैर-आरसीएस मार्गों को नेटवर्क प्रस्ताव के हिस्से के रूप में शामिल किए जाना चाहिए।
पहलू नं 6 आरसीएस के तहत हेलिकॉप्टर संचालन को प्रोत्साहित करने के लिए हितधारकों से सुझाव मांगे गए हैं।
उपरोक्त प्रस्ताव के बारे में पावर प्वांइट प्रस्तुति के संदर्भ के लिए नीचे लिंक करें।