16.3 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

नार्थ एवं साउथ ब्लाक की नई गतिशील मुखरित प्रकाश व्यवस्था दृश्यावलोकन को स्मरणीय बनायेगी

New dynamic façade lighting of North and South Blocks to offer an enhanced visual treat
देश-विदेश

नई दिल्ली: आने वाले बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी का केन्द्रीय दृश्यावलोकन पहले जैसा नही रहेगा। वर्तमान में वर्षों से चली आ रही वर्ष के निर्धारित 8 दिनों और प्रत्येक रात्रि कुछ घण्टों के लिए नार्थ एवं साऊथ ब्लाक के भवनों की विशेष प्रकाश व्यवस्था अब नए गतिशील मुखरित प्रकाश व्यवस्था में बदल जाएगी। जो एक नया जो इसके सौन्दर्य के अवलोकन का नया अनुभव होगा। यह नई गतिशील मुखरित प्रकाश व्यवस्था 21,450 प्रति वर्ग मीटर के क्षेत्र में की जाएगी, जो 16 मिलियन अद्भुत रंगों के मेल से भरी होगी। यह रात्रि में प्रत्येक कुछ सेकण्ड में रंगो के बदलाव के साथ-साथ विस्तृत रंग शैली और विषय वस्तु को प्रदर्शित करेगी।

आवास एवं शहरी मामले मंत्रालय के सम्बद्ध संगठन, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा इन दो प्रतिष्ठित भवनों के लिए शुरू की गई इस नई नवीन मुखरित प्रकाश व्यवस्था का शुभारम्भ आगामी बुधवार प्रातः 6 बजकर 30 मिनट पर नार्थ ब्लाक में कार्यरत गृह मंत्रालय के बहुकार्य कर्मचारी (एमटीएस) श्री महिपाल सिंह द्वारा बटन दबाकर किया जाएगा। यह नई प्रकाश व्यवस्था का आयोजन मीडिया और आम जनता के लिए दिखाई जाएगी।

इस नई प्रकाश व्यवस्था का आयोजन पूरे वर्ष शाम 7 बजे से प्रातः 5 बजे तक और पूर्ण क्षमता के साथ प्रकाश व्यवस्था का मुख्य समय रात्रि 8 से 9 तक होगा। मद्धिम रोशनी सुविधा के निहित शाम 7 से 7 बजकर 30 मिनट और रात्रि 10 बजे से प्रात 5 के दौरान बिजली भार 25 प्रतिशत और बाकी रात्रि समय यह बिजली भार 50 प्रतिशत रहेगा।

इस नई प्रकाश व्यवस्था का आयोजन आरजीबी एलईडी प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए 40 किलोमीटर के प्रकाशमय ऊर्जा और डाटा केबलिंग के साथ जिसका केन्द्रीय कम्पूयटरीकृत नियन्त्रण, इंटरनेट आधारित नियन्त्रक के माध्यम से स्वचलित चयनित रंगीन संयोजनों, समयानुसार, मद्धिम और स्विचिंग ऑन एवं ऑफ सुविधा इत्यादि के साथ किया जाएगा।

यह नई प्रकाश व्यवस्था इन ऐतिहासिक भवनों की वास्तुशिल्प विशेषताओं, को विस्तारपूर्व  दिखाने में पूर्ण रूप से सक्षम है। जो भारतीय एवं ब्रिटिश वास्तुशिल्प का बढ़िया संयोजन है। इसके अलावा यह इसकी भव्यता में बढ़ोतरी, आगंतुको के लिए नई रंगों की दावत प्रस्तुत करेगा। भवनों के अग्रभाग, प्रांगण, केन्द्रीय गुंबद, झण्डा लगाने का स्थान इत्यादि को दिखाने के लिए इस नई प्रकाश व्यवस्था में संकीर्ण, मध्यम एवं विस्तृत डिग्री के त्रिकोणीय बीम कोणों का प्रयोग वांछनीय है। इन बिजली के उपकरणों में बाह्य लैंस लगे है जो स्थानानुसार बीम कोणों में बदलाव करने में सक्षम है। इसमें विशेष अवसरों पर विभिन्न रंग विषयों और योजनाओं को चुनने के लिए एक अंतर्निहित क्षमता और बहुमुखी प्रतिभा है।

इस नई व्यवस्था का लाभ कुछ विशेष अवसरों जैसे स्वतन्त्रता दिवस, गणतन्त्र दिवस और कुछ राष्ट्रीय त्यौहारों पर विशेष रूप से मिलेगा। यह वर्तमान प्रकाश व्यवस्था 16,750 प्रति वर्ग मीटर में फैली हुई है।

21,450 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली इस नई प्रकाश व्यवस्था के प्रतिस्थापन, रख-रखाव और संचालन की लागत पर वार्षिक बचत 86.40 लाख रुपये होगी। नई एलईडी लाइट फिटिंग की जीवन अवधि एक लाख से अधिक घण्टों की है, जो 25 वर्ष होती है। जबकि इस समय इस्तेमाल की जा रही लाइट्स की जीवन अवधि 10 हजार घण्टों की है। वर्तमान में एलईडी मेटल हेलाइड और सोडियम वेपर लाइट फिटिंग के प्रयोग के साथ सीमित पारंपरिक प्रकाश व्यवस्था द्वारा ऊर्जा खपत 17 लाख रू. प्रतिवर्ष है, कि नई प्रकाश व्यवस्था के साथ ऊर्जा खपत 8.40 लाख रू. प्रति वर्ष है

यह सभी नए प्रकाश उपकरण धूल, कीड़े-मकोड़े और नमी प्रतिरोधक एवं बाहरी मौसम से बचाव के लिए उच्चतम आर्डर (आईपी-66) की उन्नत आकृति के साथ बनाए गए हैं। यह सभी पर्यावरण और तकनीकी मानकों (आरओएचएस, यूएल और सीई) के अंतर्राष्ट्रीय नियामक ढांचे से मेल खाते हैं। इनके द्वारा दी जा रही प्रकाश व्यवस्था से नॉर्थ और साउथ ब्लॉक के भवनों की रेत पत्थर की संरचना पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा।

इन प्रतिष्ठित भवनों के विरासतमयी चरित्र को बचाने का विशेष ध्यान रखा गया है। सभी प्रकाश उपकरण, बाहर खुले में अथवा सामने लॉन की जमीन पर या छत पर लगाए गए हैं।

सीपीडब्ल्यूडी द्वारा संकल्पना,डिजाइन और निष्पादन की दिशा में किए गए प्रयासों के बारे में मंत्रालय को सूचित करते हुए बताया कि इस नई प्रकाश व्यवस्था के लिए 15.40 करोड़ रुपये का प्रारंभिक निवेश सिर्फ 6 से 7 वर्षों में प्राप्त किया जाएगा और इसके बाद सिस्टम पूरी तरह से नि:शुल्क हो जाएगा।

वर्तमान प्रकाश व्यवस्था के अंतर्गत, प्रतिष्ठित इमारतों की दीवारों पर लगी हुई पट्टियों में पचास हज़ार तीन वाट एलईडी बल्बों को एक वर्ष में आठ अवसरों पर विशेष रोशनी के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है और इस प्रकाश व्यवस्था के लिए 400 मेगावाट/250 मेगावाट मेटल हेलाइड और सोडियम वेपर भाप रोशनी के 170 लैम्प और सुरक्षा प्रकाश व्यवस्था के लिए 72 एलईडी रोशनी का प्रयोग किया गया है। यह नई गतिशील प्रकाश व्यवस्था 800 फिटिंग से सुसज्जित है।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More