नई दिल्लीः भूतपूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद डॉ. शशि थरूर, दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी, नई दिल्ली की सांसद सुश्री मीनाक्षी लेखी सहित अन्य प्रमुख नेताओं ने कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा (सीजीएलई) से संबंधित मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने के सरकार के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने स्थिति को नियंत्रित करने और इसे संकट का रूप लेने से रोकने के लिए सरकार की पहल का स्वागत किया।
डॉ. शशि थरूर व्यक्तिगत रूप से पूर्वोत्तर विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह से मुलाकात की और अपनी प्रशंसा व्यक्त की। उन्होंने अपने ट्वीट में सरकार के निर्णय की सराहना की और कहा “विरोध करने वालों को मालूम होना चाहिए कि उनकी जीत हो चुकी है”। श्री मनोज तिवारी ने भी उम्मीदवार विद्यार्थियों की ओर से इस विषय का समाधान परिपक्वता और बुद्धिमता के साथ करने के लिए सरकार को बधाई दी।
सुश्री मीनाक्षी लेखी ने अपने बयान में सरकार के असाधारण दृष्टिकोण की प्रशंसा की और कहा कि सीबीआई द्वारा व्यापक जांच की जानी चाहिए और उसे कोचिंग सेंटरों तथा कोचिंग संस्थानों की भूमिका सहित चयन प्रक्रिया के सभी पहलुओं पर विचार करना चाहिए।
इस बीच, संवाददाताओं से बातचीत में डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार त्वरित उत्तर भावना तथा युवाओं की भावनाओं के प्रति संवेदी होकर कार्य कर रही है और सरकार ने जांच के लिए मामले को सीबीआई को सौंपने की उनकी मांग स्वीकार की। उन्होंने कहा कि एसएससी द्वारा कराई गई संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा (सीजीएलई)-2017 में 8 हजार से अधिक रिक्तियों के लिए पूरे देश में 30 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। इसमें से टीयर-1 परीक्षा के बाद 1.5 लाख उम्मीदवार शॉट लिस्ट किए गए।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि एसएससी के अध्यक्ष की मौजूदगी में विद्यार्थियों के शिष्टमंडल के साथ बैठक के बाद और गृह मंत्रालय सहित विभिन्न संबंधित एजेंसियों के साथ व्यापक विचार विमर्श के बाद मामले को सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया गया।