देहरादून: आयोजक उत्तराखण्ड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद उद्योग निदेशालय, देहरादून एवं प्रायोजक विकास आयुक्त (हथकरघा) भारत सरकार द्वारा नेशनल हैण्डलूम एक्सपो को दिन-प्रतिदिन देहरादून वासियों का अच्छा रूझान देखने को मिल रहा है। यह प्रदर्शनी 14 जनवरी तक चलेगी।
नेशनल हैण्डलूम एक्सपो में उत्तराखण्ड के हथकरघा उत्पादों के 45 स्टाॅल लगे हैं जिसमें देहरादूनवासियों का अच्छा रूझान देखने को मिल रहा है उत्तराखण्ड के चम्पावत, चमोली, मुनस्यारी, श्रीनगर, पिथौरागढ़ आदि पहाड़ी क्षेत्रों के हथकरघा बुनकरों ने अपने स्टाॅल लगाये हैं निदेशालय उद्योग का यह एक प्रयास है कि एक ही मंच पर सभी क्षेत्रों के हथकरघा इकट्ठे हुए है और दूनवासियों को इन सबका फायदा मिल रहा है।
वहीं दूसरी ओर नेशनल हैण्डलूम एक्सपो में पिछले पांच वर्षों से बैंगलोर के श्री योगेन्द्र अपना स्टाॅल लगा रहे हैं उन्हांेने बताया कि हमारे पास कांजीवरम, मैसूर रेशम, जियोर्गाटे की साड़ियां उपलब्ध हैं। अभी तक हमने एक्सपो से आठ लाख तक की बिक्री की है। जो उत्तराखण्ड से अच्छी प्रतिक्रिया दिखाती है। कनार्टक में कांजीवरम साड़ी को बनाने के लिए लगभग 250 हथकरघा बुनकर हमारे पास काम करते हैं विशेषकर शादियों में पहनने वाली साड़ियां ही तैयार की जाती हैं। जिनकी कीमत दो हजार से लेकर दो लाख रूपये तक है। उन्होंने कहा कि चार हजार से ऊपर की साड़ियां हथकरघा बुनकरों द्वारा बनाई गई हैं। वहीं कर्नाटक का एक स्टाॅल और है जिसका प्रतिनिधित्व अनीता शर्मा जी कर रही हैं उन्हांेने बताया कि हमारे स्टाॅल मे क्रेप, शिफॉन, जॉर्जेड, कांजीवरम आदि की विविधता है। जिनकी कीमत तीन हजार से लेकर दस लाख रूपये तक है और यह उत्तराखण्ड का प्रेम ही है जो हमें बार-बार यहां वापस लाता है।
शनिवार को नेशनल हैण्डलूम एक्सपो में स्थानीय कलाकारों द्वारा सांय पांच बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का अयोजन किया जाएगा।