दिग्गज अभिनेता कमल हासन ने पद्मावती के मुद्दे पर कहा कि लोग इस मुद्दे पर अतिसंवेदनशील हो रहे हैं. कमल हासन ने यहां शनिवार को टाइम्स दिल्ली लिटफेस्ट के दौरान कहा, “हम अतिसंवेदनशील हो रहे हैं. मैं एक भारतीय के तौर पर यह बोल रहा हूं. एक ऐसे देश में जहां राजनेता चाहते है कि जनता अपने अतीत को लेकर संवेदनशील रहे..इसका यह मतलब नहीं है कि मैं लोगों के एक समूह को दरकिनार कर रहा हूं. यहां बहुत सारे कमल है लेकिन बहुत सारे मंच नहीं हैं.”
कमल हासन ने कहा, “यह समस्या नई नहीं है. मेरी फिल्म ‘हे राम’ की रिलीज के दौरान कांग्रेस पार्टी के किसी व्यक्ति को फिल्म को पोस्टर देखकर लगा कि यह फिल्म रिलीज नहीं होनी चाहिए. वह फिल्म के बारे में नहीं जानते थे. सेंसर बोर्ड अधिक सतर्क थी. प्रमाणन बोर्ड सेंसर बोर्ड की तरह व्यवहार कर रही थी.”
कमल हासन ने आगे कहा, “मेरी सभी फिल्मों में समस्याएं थी, मैं अभी भी उन्हें समझने की कोशिश कर रहा हूं. यह चीज अफवाहों के साथ भी होती है जब आप एक एसएमएस भेजते है और वह फैल जाती हैं. हम हमेशा पहले नकारात्मक पहलू पर विश्वास करते है. प्रदर्शन (फिल्म के खिलाफ) गलत है. पद्मावती के रिलीज होने के बाद अगर लोगों को तकलीफ होती हैं तो फिर भी मैं उसे समझ सकता हूं.”