लखनऊ: पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 श्री सुलखान सिंह द्वारा समस्त वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/ पुलिस अधीक्षक प्रभारी जनपदों को अनैतिक व्यापार (निवारण) अधिनियम 1956 के प्राविधानों के प्रभावी क्रियान्वयन के सम्बन्ध में दिषा-निर्देष दिये गये हैं ।
उन्होंने कहा है कि ऐसे सभी सम्भव प्रयास किये जाने चाहिए जिससे अनैतिक व्यापार को पूर्णतयः प्रतिबन्धित किया जा सके एवं अपराध में संलिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध इस अधिनियम के अतिरिक्त अन्य दण्ड विधियों में वर्णित उपबन्धों को भी समावेषित करते हुए प्रभावी कार्यवाही सुनिष्चित की जाये ताकि दोषियों को दीर्घतम दण्ड से दण्डित कराया जा सके।
प्रदेष में उक्त अधिनियम में वर्णित अपराधों के घटित होने के सम्बन्ध में षीघ्र निवारित करने, अपराध में संलिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही किये जाने एवं अपराधों को रोकने हेतु निर्देश दिये गये हैं:-
- अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध के अतिरिक्त भादवि या अन्य केन्द्रीय या प्रादेषिक दण्ड विधियों में परिभाषित दण्डनीय अपराधों से आच्छादित पाये जाने पर उक्त अधिनियमों के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत किये जायें।
- अवयस्क/नाबालिक महिलाओं के देह व्यापार, खरीद-फरोख्त या एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में विभिन्न व्यक्ति संलिप्त होतें हैं, जो एक संगठित गिरोह के रूप में कार्य करते हैं उनके विरूद्ध उ0प्र0 गिरोहबन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण)अधिनियम (गैगेस्टर एक्ट) के अन्तर्गत भी कार्यवाही की जाये।
- अनैतिक व्यापार(निवारण) अधिनियम के अन्तर्गत दण्डनीय अपराधों से धनार्जन करने वाले व्यक्तियों के आय के श्रोतों के बारे में समुचित छानबीन कर गैगेस्टर अधिनियम की धारा 14(1) के अन्तर्गत अवैध सम्पत्ति की कुर्की की कार्यवाही की जाये।
- दूरदराज या अन्य प्रदेषों/देषों से नाबालिक बच्चियों को लाकर उनके साथ अमानवीय दुव्र्यवहार करते हुए दुराचार किया जाता है और फिर उन्हे वेष्यावृत्ति के व्यवसाय में लगा दिया जाता है। ऐसे प्रकरण में पुष्टि होने की दषा में ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध पाक्सो एक्ट के अन्तर्गत भी कार्यवाही की जाये।
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